नई दिल्ली। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आन्दोलन का आज चौथा दिन है। आंदोलनरत गुर्जरों के एक धड़े ने कल तीसरा दिन भी कडाके की सर्द रात के बीच रेलवे ट्रेक पर ही गुजारी। इधर सरकार का गुर्जरों से मान-मनव्वल का दौर लगातार जारी है। संभावना जताई जा रही है कि आज कोई निर्णायक वार्ता हो सकती है जिससे सरकार और गुर्जरों के बीच बना गतिरोध टूट जाए। सरकार और गुर्जर समाज के बीच सुलह होने की प्रक्रिया के बीच कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के तेवर ज़रा भी नरम नज़र नहीं आ रहे हैं। पुत्र विजय बैंसला के ट्विटर के ज़रिये एक वीडियो पोस्ट करते हुए कर्नल बैंसला ने समाज के लोगों से आन्दोलन को गति देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि समाज के लोग जहां कहीं भी हैं आन्दोलन करके उसे सफल बनाएं। वहीं इस वीडियो के साथ पुत्र विजय बैंसला ने भी समाज के लोगों से बुधवार सुबह से ही अपनी-अपनी जगह पर आन्दोलन और चक्काजाम करने के निर्देश दिए हैं।

आन्दोलन के बीच गुटबाजी हावी
सड़क और रेलवे ट्रेक पर आये गुर्जर आन्दोलन के बीच समाज में गुटबाजी भी खुलकर सामने आ रही है। समाज का एक धड़ा जहां कर्नल किरोड़ी बैंसला की अगुवाई में सड़क से लेकर रेलवे ट्रेक पर आन्दोलन पर उतर आया है, वहीं दूसरा गुट इसमें शामिल नहीं होकर आन्दोलन वापस लेने की अपील कर रहा है। इस धड़े का मानना है कि सरकार ने लगभग सभी मांगे मान ली हैं और यदि कोई गतिरोध है उसे वार्ता के ज़रिये सुलझा लेना चाहिए।

पिछले 14 साल से हो रही सौदेबाजी
कर्नल बैंसला के आन्दोलन पर गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने आज फिर एतराज़ जताया है। बैंसला गुट पर नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, पिछले 14 साल से राजनीतिक पार्टियों से सौदेबाजी की गई है। तत्कालीन सरकारों से समझौतों के नाम पर गुर्जर समाज के साथ धोखा किया गया है। समाज से फरेब कर राजनीतिक हित साधने का काम किया गया है। आज वे लोग 80 गांव के पंच-पटेलों के समझौते पर ऊँगली ऊठा रहे हैं।

पटरियों पर मनाया गया बैंसला के बेटे का जन्मदिन
आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक जाम कर बैठे गुर्जरों के बीच मंगलवार देर रात कर्नल बैंसला के बेटे विजय बैंसला का जन्मदिन मनाया गया। इस दौरान कर्नल बैंसला और विजय बैंसला दोनों पटरियों पर ही धरने पर बैठे थे। गुर्जर पिछले 4 दिनों से रेलवे ट्रैक जाम करके धरने पर बैठे हैं। इससे पहले मंगलवार देर रात आईएएस नीरज के पवन समझाइश करने के लिए पीलूपुरा पहुंचे थे। वहां उन्होंने कर्नल बैंसला की मौजूदगी में समाज के लोगों से गुर्जरों की विभिन्न मांगों पर सरकार की सहमति बताते हुए आंदोलन समाप्त करने की अपील की थी।