ग्राम पंचायत मेवदाकलां के कजोडमल रेगर और उनके पुत्रा अशोक रेगर दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापन कर रह थे। अचानक ईश्वर को क्या सूझी कि एक दिन अशोक रेगर दुर्घटना का शिकार हुआ। इससे उनके शरीर में विशेष रूप मस्तिष्क प्रभावित होने के कारण वह स्थाई विकलांग हो गया। इस दुर्घटना से वृद्व एवं असहाय कजोडमल रेगर के परिवार पर इस तरह का व्रजपात हुआ कि उनके लिए परिवार का भरण पोषण दुभर हो गया। तीन बच्चों के पिता और असहाय वृद्व माता-पिता के लिए दिव्यांग अशोक रेगर कि देखभाल तथा दैनिक क्रिया कलाप करवाना कोढ में खाज का काम कर रही थी।

असहाय पिता ने दिव्यागं अशोक रेगर का निःशक्तजन प्रमाण पत्रा बनाने के लिए स्थानीय चिकित्सक से सम्पर्क किया। चिकित्सक ने कजोडमल रेगर को ई-मित्र पर आवेदन कर उसकी जांच के लिए जिला अस्पताल केकड़ी जाने की सलाह दी। असहाय पिता के लिये दिव्यागं अशोक रेगर को केकडी ले जाना भी अपने आप में बडा मुश्किल कार्य था। बिना चिकित्सा प्रमाण पत्र के दिव्यांग पेंशन व अन्य लाभ सम्भव नही था। कजोडमल रेगर आशा छोड़ चुका था।

एक दिन गांव के चैराहे पर कजोडमल ने प्रशासन गांवो के संग और महंगाई राहत शिविर आयोजन की बात सुनी। नियत दिनांक को अपने पुत्रा को लेकर प्रशासन गांवो के संग अभियान एवं राहत केम्प ग्राम पंचायत मेवदाकलां में उपस्थित हुए। विधायक डाॅ. रघु शर्मा तथा शिविर प्रभारी को अपनी व्यथा सुनाई। इस पर विधायक तथा शिविर प्रभारी विकास कुमार पंचैली ने तुरन्त संज्ञान लेते हुये सम्बंधित विभाग को बुलाकर समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। लेकिन शिविर में उपस्थित चिकित्सक ने दिव्यांग प्रमाण पत्रा के लिए जिला चिकित्सालय जाने कि सलाह दी।

दिव्यांग अशोक रेगर कि स्थिति को देखते हुये विधायक डाॅ. रघु शर्मा ने केम्प स्थल पर ही प्रमाण पत्रा बनाने के लिए तुरन्त निर्देश प्रदान किए। इस पर उपखण्ड अधिकारी द्वारा ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दुरभाष से दिव्यांग प्रमाण- पत्र जारी करने के निर्देश प्रदान किए। हाथों हाथ ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्रा ई मेल करके शिविर में ही उपलब्ध करवाया गया। कजोडमल रेगर को हाथो हाथ निःशक्तजन प्रमाण पत्रा उपखण्ड प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराने पर चहरे पर खुशी छा गई। लेकिन सफलता कोसो दुर थी । क्योंकि प्रमाण पत्र को पेंशन जारी करवाने के लिए जन आधार कार्ड में अध्यतन करना शेष था। यह बीडा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्मिक ने उठाया।

ग्राम पंचायत स्तर और पंचायत समिति स्तर पर उसको सत्यापित करवाया। पेंशन तथा पालनहार की प्रक्रिया प्रारम्भ करवाई गई। इस योजना से अशोक रेगर को 1000 रूपये, विशेष योग्यजन पेंशन तथा 1500 रूपये प्रति बच्चे के हिसाब से 4500 रूपये पालनहार की सहायता कुल 5500 रूपये उस परिवार को हर माह प्राप्त होंगे। कजोडमल रेगर के लिये अशोक रेगर को ई मित्र, जिला चिकित्सालय व बैकं ले जाना टेडी खीर था। प्रशासन गांवों के संग अभियान में एक ही छत के नीचे सभी कार्य हो जाने से कजोडमल रेगर की बांछे खिल गई। कजोडमल रेगर के खुशी के आंसु आ गए।