बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा ने गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला है। गहलोत सरकार के राहत शिविरों को लेकर विधायक ने बड़ी बात कही है। विधायक शर्मा ने कहा, गहलोत सरकार ने सबसे पहले 100 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा की। लेकिन कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि बिजली उपभोक्ताओं से 200 यूनिट तक कोई फ्यूल चार्ज या अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा और कहा था कि हम जनता को राहत देने का काम करेंगे। लेकिन जून महीने के बिलों को देखकर लगता है कि खोदा पहाड़ निकली चूहिया वाली कहावत अब सच होती दिख रही है।

विधायक रामलाल ने कहा, कांग्रेस सरकार के राहत शिविरों का नजारा जून माह के बिलों से देखा जा सकता है। मेरे विधानसभा क्षेत्र के एक उपभोक्ता कैलाशचंद, जिन्हें 13 जून 2023 को बिल जमा करने की तारीख दी गई थी। बिल के अंदर 722 रुपये की सब्सिडी राशि दी गई और कुल 2 हजार 492 रुपये का बिल दिया गया। इसके बाद कैलाशचंद को बिल जमा करने की अंतिम तिथि देकर बिल में संशोधन किया गया, जिसमें उपभोक्ता को महंगाई राहत शिविर में पंजीयन कराये बिना ही राहत शिविर का पंजीयन क्रमांक दर्ज कर बिल में संशोधन किया गया। रजिस्ट्रेशन का दावा करने के बाद उपभोक्ता को 2662 रुपये का बिल दिया गया।

जून माह के बिल में उपभोक्ताओं को महंगाई राहत शिविर का पंजीयन क्रमांक Mrc/2023/5050898 दिखाकर बिल दिया गया। उपभोक्ता का दावा है कि उसने महंगाई राहत शिविरों में अपना पंजीकरण नहीं कराया है। जो सब्सिडी पहले 722 रुपए उपभोक्ता को दी गयी थी, उसे अब घटाकर 562 रुपए कर दिया गया है। रामलाल ने कहा, यह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कमाल है, जिन्हें जादूगर कहा जाता है, जो राहत की बात कर जनता को चोट पहुंचाने का काम कर रहे हैं।