जयपुर। राजस्थान साल में अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है। राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर जैसलमेर पहुंची। पूर्व सीएम ने तनोट माता, भादरिया राय माता, माता राणी भटियाणी, ब्रह्मधाम आसोतरा में दर्शन किये है और पूजा अर्चना की। उनके दौरे का कार्यक्रम सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

मंदिर में पूजा-अर्चना का तय कार्यक्रम
भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश शारदा के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के कार्यालय से प्राप्त यात्रा कार्यक्रम के अनुसार राजे मंगलवार सुबह 10 बजे बाड़मेर से हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर सीमा क्षेत्र स्थित तनोट माता मंदिर हेलीपेड पर उतरी। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद वसुंधरा राजे हेलीकॉप्टर से भादरिया राय मंदिर के लिए रवाना हुई। दोपहर 12.40 बजे भादरिया भादरिया राय माता मंदिर में दर्शन-पूजन का कार्यक्रम रहा। इसके बाद करीब डेढ़ बजे हेलीकॉप्टर से आसोतरा के लिए उड़ान भरी।

 

तनोट माता से भादरिया राय मंदिर में दर्शन
वसुंधरा राजे शाम को शहर के कैलाश इंटरनेशनल होटल में संगठन और आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी। पूर्व मुख्यमंत्री राजे सोमवार को बाड़मेर में रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार सुबह जैसलमेर के लिए रवाना हुई। वसुंधरा राजे ने जैसलमेर में तनोट माता और भादरिया राय मंदिर में दर्शन कर बालोतरा के ब्रह्म धाम आसोतरा मंदिर में पूजा और गांधीपति तुलसाराम महाराज से आशीर्वाद लेने के बाद जसोल माता रानी भटियाणी मंदिर दर्शन किए।

माता से अमन चैन खुशहाली की कामनाएं की
राजे ने भादरिया राय मंदिर पहुंचकर माता के चरणों में माथा टेक और विधिवत तरह से पूजा अर्चना की। पूर्व सीएम ने माता से देश-प्रदेश में अमन चैन खुशहाली की कामनाएं की। पूजा अर्चना के बाद राजे ने मंदिर परिसर कार्यकर्ताओं से बातचीत की।

 

कोई भी बड़ा काम करने से पहले देव दर्शन
सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इससे पहले एक सितंबर शुक्रवार को कोटा दौरे पर रहीं। राजे से देव दर्शन यात्रा को लेकर मीडिया से बातचीत की। यात्रा को लेकर वसुंधरा राजे ने कहा कि आप सब जानते हैं कि जब भी मैं कोई महत्वपूर्ण काम शुरू करती हूं तो सबसे पहले चारभुजाजी के दर्शन करने जाती हूं।

दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चचाएं तेज
राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पूर्व सीएम ने जैसलमेर में देव दर्शन को लेकर समर्थकों में काफी उत्साह नजर आया है। वसुंधरा राजे के स्वागत के लिए लोगों की भीड़ लग गई। इस दौरान पूर्व सीएम ने कार्यकर्ताओं और जनता से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनी। वसुंधरा राजे की यह दो दिवसीय धार्मिक और सामाजिक यात्रा सियासी यात्रा के रूप में भी देखी जा रही है। उनके दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

 

सैनिकों की देवी के नाम से भी मशहूर
आपको बता दें कि 1965-71 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान माता के चमत्कारों के कारण इस देवी को सैनिकों की देवी कहा जाता है। यह मंदिर यह देश भर से आने वाले भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बन गई है। मंदिर परिसर में एक रुमाल घर भी बना हुआ है, जहां लाखों रुमाल बांधे जाते हैं। इस रूमाल घर में भक्त अपनी मनोकामना के लिए मन्नत रूमाल बांधते हैं। बीएसएफ के जवान ही इसके पुजारी हैं।