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Farmers suffering from urea Crisis in Rajasthan.

रबी सीजन में खाद किल्लत प्रदेश सरकार के लिए गले की फांस बन गई है। प्रदेश में यूरिया खाद की सबसे ज्यादा किल्लत हाड़ौती, जोधपुर रीजन, हनुमानगढ़, सूरतगढ़ और श्रीगंगानगर क्षेत्र में सामने आ रही है। यूरिया खाद की कमी पर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि प्रदेश में किसी तरह की कोई कमी नहीं है अगर फिर भी किसी तरह की कोई की बात सामने आती है तो उसे जल्द ही दूर किया जाएगा। वहीं खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों का कहना था कि किसानों की हितैषी बनने वाली कांग्रेस सरकार खाद किल्लत पर चुप क्यों है। कहां है खाद ?

यूरिया खाद की किल्लत को लेकर किसानों में मारामारी की स्थिति बनी हुई है। किसान और उनके परिजन सुबह से ही यूरिया खाद के लिए प्रतिदिन कतारों में लग रहे हैं लेकिन, नतीजा सिफर ही है। किल्लत का सबसे बड़ा कारण खाद की कालाबाजारी भी है। प्रदेश में कई जगह तो यूरिया खाद के लिए मारामारी की स्थिति बनी हुई है बावजूद इसके प्रदेश सरकार इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठा पाई है।

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Image: राजस्थान में किसानों को यूरिया की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

यूरिया नहीं मिला तो किसानों ने लगाया जाम

यूरिया खाद की मांग को लेकर शुक्रवार को किसानों ने कोटा के इटावा में अंबेडकर सर्किल पर एकत्रित होकर कोटा-श्योपुर स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया। सूचना पर इटावा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और समझाईश कर जाम खुलवाने की कोशिश की लेकिन, किसानों ने हाईवे से हटने से मना कर दिया इस पर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए किसानों को हाईवे से खदेडा और जाम खुलवाया।

राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने भले ही 2 दिन में कर्जामाफी की घोषणा कर वाहवाही लूट ली है। लेकिन, ये भी किसी से छिपा नहीं है कि इसे कैसे लागू किया जाएगा इसको लेकर कांग्रेस सरकार के पास कोई प्लान नहीं है। दूसरी ओर, यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों को किसी तरह की कोई राहत नहीं मिल पा रही है।

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अन्नदाता परेशान है। आलाकमान मंत्रिमंडल गठन को लेकर दिल्ली में लड़ रहे हैं। ऐसे में खामोश किसान दबी आवाज़ से पूछ रहा है। हे आलाकमान! कहां है खाद?

Content: Prakash