राजस्थान में किसानों का 10 दिनों के भीतर कर्जमाफ करने के वादे पर सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार अब अपने किए वादों से न सिर्फ मुकर रही है बल्कि कर्जमाफी से परेशान किसानों के आत्महत्या के मामले पर भी आंखें मूंद रखी है। कागजी आदेशों में तो सरकार ने भले ही किसान कर्जमाफी के आदेश निकाल दिए हो लेकिन हकीकत में अधिकतर किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी का परिणाम है कि बीते 6 माह में कर्ज के बोझ तले दबे हुए 3 किसानों को मजबूरन आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा। लेकिन किसानों की आत्महत्या के बाद भी सरकार ये मानने को राजी नहीं है कि इन किसानों ने कर्जमाफी नहीं होने से परेशान होकर ही सुसाइड किया था।

हाल ही में दो दिन पहले श्रीगंगानगर में किसान द्वारा सुसाइड की घटना के बाद विभिन्न किसान संगठन सरकार पर कर्जमाफी के नाम पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। एक किसान संगठन ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ किसानों से कर्जमाफी के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप के मामले में FIR दर्ज करने की भी मांग रखी है। पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने किसानों की आत्महत्या का मुद्दा बड़े स्तर पर उठाया था और जनता को गुमराह करते हुए कहा था कि राजस्थान में 100 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है। जबकि हकीकत इससे परे हैं। राजस्थान विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक पिछली सरकार के समय 6 किसानों ने ही आत्महत्या की थी।

वहीं गहलोत सरकार के सत्ता में आने के बाद टोंक व हनुमानगढ़ के बाद अब श्रीगंगानगर के किसान ने कर्जमाफी नहीं होने पर सुसाइड किया है। श्रीगंगानगर के किसान ने सुसाइड नोट में अपने मरने का दोष सीएम गहलोत व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर लगाते हुए कर्जमाफी को किसानों के साथ कांग्रेस सरकार का धोखा बताया है। बीते 6 माह में 3 किसानों द्वारा सुसाइड करने के बाद भी सरकार ये मानने को तैयार नहीं है कि किसी किसान ने कर्जमाफी नहीं होने की वजह से आत्महत्या की है।