राजस्थान में 10 लाख रुपये में सरकारी नौकरी दिलाने वाले डमी कैंडिडेट गिरोह का जयपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। डमी अभ्यर्थियों को एडिटिंग कर बनाए परमिशन लेटर तैयार कर परीक्षा में बैठाया जाता है। कानोता थाना पुलिस ने बुधवार दोपहर गिरोह के दो शातिर सदस्यों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से एक स्कॉर्पियो वाहन, मोबाइल व एडिटिंग परमिशन लेटर जब्त किये गये है। गिरोह के फरार मास्टर माइंड व अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है। पुलिस की पूछताछ में इन्होंने पिछले 2 साल में 50 से अधिक छात्रों की जगह डमी अभ्यर्थियों को बैठाकर परीक्षा देना स्वीकार किया है।

एसएचओ (कानोता) मुकेश खरड़िया ने बताया कि डमी कैंडिडेट गैंग के बदमाश हर्ष कुमार जोशी (30) पुत्र राजेश कुमार जोशी निवासी चंपावत उत्तराखंड हाल गोमती नगर लखनऊ, हंसराज उर्फ जग्गू (38) पुत्र रामस्वरूप मीणा निवासी सपोटरा करौली व हेमराज (24) पुत्र रामजीलाल मीणा निवासी पचवारा दौसा को गिरफ्तार किया गया है।
14 जून को पेट्रोलिंग के दौरान मुखबिर से सूचना मिली। आनंद इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कानोता में एसएससी-एमटीएस प्रतियोगिता परीक्षा चल रही है। जिसमें डमी परीक्षार्थियों को बैठाने वाला गिरोह कॉलेज के पास स्कॉर्पियो में बैठा है।

सूचना पर पुलिस टीम ने घेराबंदी कर स्कॉर्पियो सवार तीन आरोपियों को पकड़ लिया। पूछताछ में डमी प्रत्याशी गिरोह का सदस्य होना स्वीकार करते गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से स्कॉर्पियो कार, मोबाइल व परमिशन लेटर जब्त किए गए हैं।

पुलिस पूछताछ में आरोपी हर्ष कुमार जोशी ने बताया कि वह सुबह नौ से साढ़े दस बजे की पारी में हेमराज की जगह एमटीएस की परीक्षा देकर आया था। 13 जून को उसने विकास मीणा की जगह इसी कॉलेज में परीक्षा दी थी। अब दूसरी पारी में रविराज मीणा निवासी राजौर करौली के स्थान पर परीक्षा देने खड़ा हुआ हूं। हंसराज मीणा मुझे जिनके स्थान पर परीक्षा में बैठना है, उनके नाम-पते उपलब्ध कराता हैं। उसे परीक्षा देने से पहले 20 हजार और चयन होने पर 2 लाख रुपये एडवांस मिलते हैं।

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गिरोह का मास्टर माइंड नटवर मीणा निवासी सपोटरा करौली व कृष्ण मोहन मीणा निवासी टोडाभीम करौली है। जिनके कहने पर ही दूसरे की जगह डमी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा दी जाती है। परमिशन लेटर में नटवर मीणा एवं कृष्ण मोहन मीणा फोटो एडिटिंग का कार्य करते हैं। वह व्हाट्सएप पर एडिटिंग परमिशन लेटर बनाता और भेजता है। जिसका प्रिंट आउट निकाल कर डमी कैंडिडेट के तौर पर परीक्षा में दी जाती है। सरकारी नौकरी में फाइनल सिलेक्शन कराने के लिए 10 लाख रुपए में डील हुई है।