जयपुर। सीआरपीएफ के जवान नरेश जाट के आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांस्टेबल नरेश जाट के परिजनों से शव उठाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में सीआरपीएफ के एएसआई सतवीर समेत कुल पांच के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया गया है। मृतक के पिता लिखमाराम ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को मानसिक रूप से परेशान कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था।

26 घंटे बाद भी नहीं उठाया शव
वहीं दूसरी तरफ घटना के 26 घंटे के बाद भी मंगलवार को दोपहर डेढ़ बजे तक नरेश जाट का शव नहीं उठाया गया था। शव का सोमवार को जोधपुर के एमजीएच अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया लिया गया था। लेकिन परिजनों ने शव नहीं लिया था। नरेश जाट के परिजन और समाज के लोग अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर अड़े हुये हैं।

न्याय दिलाने पहुंचे हनुमान बेनीवाल
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे और मृतक जवान के परिजन से मिलकर सांत्वना दी। बेनीवाल ने कहा कि देश की रक्षा करने वाले जवान ही सुरक्षित नहीं हैं। विभिन्न अर्द्ध सैन्य बलों में आए दिन आत्महत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं।

यह है परिजनों की मांगें
नरेश जाट के परिजनों और समाज के लोगों ने इस मामले के निपटारे के लिये सात शर्तें रखी हैं। उनकी मांग है कि आरोपियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की जाये। इसके साथ ही नरेश जाट की पत्नी को पेंशन और रिटायरमेंट के सभी परिलाभ दिये जायें। वहीं नरेश जाट की बेटी की निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाये। बेटी के बालिग होने पर उसे सरकारी नौकरी दी जाये।

एमजीएच अस्पताल में मोर्चरी के पास डटे हैं लोग
आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग समेत रघुराम खोजा और संपत पूनिया तथा पार्टी के कई नेता एमजीएच अस्पताल की मोर्चरी के पास मौजूद हैं। सांसद हनुमान बेनीवाल के भी वहां आने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि बेनीवाल ने अपनी नागौर की प्रस्तावित सभा को रद्द कर दिया है। मोर्चरी पर धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती जा रही है। करवड़ा थाना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।