जयपुर। राजस्थान में तेजी से फैल रहे कोरोना संकट के बीच चिंता को बढ़ाने वाली एक और खबर सामने आई है। कोरोना काल में अगस्त का महीना सबसे बुरा बीता है। प्रदेश में शुरुआती पांच महीने तक कुल 42083 रोगी मिले थे और अकेले अगस्त में ही करीब 42 हजार मरीज सामने आ गए। यही नहीं, इस दौरान देश में भी रिकॉर्ड 21 लाख संक्रमित बढ़े, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। कोरोना संक्रमण की लगतार चपेट में आ रहे पीड़ितों के लिये अब आईसीयू और वेंटीलेटर का संकट गहराने लगा है। कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने से अब सरकार और पीड़ितों के सामने यह बड़ी समस्या आ रही है। इनके अभाव में मरीजों को बड़ी मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है।

संक्रमण बढ़ने में प्रदेश देश में आठवां
प्रदेश के जिन जिलों में कोरोना विस्फोट हुआ, उनमें अजमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, जयपुर, कोटा, सीकर शामिल हैं। हालांकि, इस बीच राहत की बात ये है कि राजस्थान में रोगी दोगुने होने की रफ्तार कुछ धीमी हुई है। अब यह 28 से बढ़कर 33 दिन हो गई है। देश की बात करें तो हर 21 दिन में रोगी दोगुने हो रहे हैं। रोगी बढ़ने के मामले में सबसे बुरा हाल भीलवाड़ा का है। यहां अगस्त में रोगी ढाई गुना बढ़ गए। भरतपुर जिले में 31 जुलाई तक 3705 रोगी थे। अगस्त महीने में 2571 नए संक्रमित सामने आए। वहीं, पाली में 4100 के मुकाबले 2647, उदयपुर में 2500 की तुलना में 1305, धौलपुर में 2300 के मुकाबले 1227 और नागौर में 2450 रोगियों की तुलना में 1432 संक्रमित मिले।

जयपुरिया को वापस बनाया जाएगा कोविड केयर सेंटर
जयपुर में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को यहां प्रदेश के सर्वाधिक और जिले के रेकॉर्ड 352 नए संक्रमित मरीज सामने आए हैं। वहीं एक की मौत दर्ज की गई है। कोरोना के बढ़ते कहर के बाद राज्य सरकार ने मालवीय नगर स्थित आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज के जयपुरिया अस्पताल को वापस कोविड केयर सेंटर बनाने का निर्णय किया है। अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना दी गई है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार अगले कुछ दिनों में यहां से डिस्चार्ज होने लायक मरीजों को छुटृटी दी जाएगी, वहीं अन्य मरीजों को एसएमएस या अन्य सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा।

सरकारी और निजी अस्पतालों में आईसीयू और वेंटीलेटर का संकट
सूत्रों के मुताबिक आईसीयू और वेंटीलेटर के अभाव में सरकारी और निजी अस्पतालों दोनों में मरीजों का संकटों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में मरीज जाए तो कहां जाए? हालांकि सरकार रोजाना हर बैड की ट्रेकिंग करने का दावा तो करती है, लेकिन आईसीयू और जीवन रक्षक उपकरणों को लेकर कोई साफ सुथरा जवाब उसके पास नहीं है। कहने को सरकार लगातार मामले पर फीडबैक ले रही है, लेकिन हालात कुछ ठीक नहीं कहे जा सकते हैं। आज भी सीएम अशोक गहलोत सीएमआर से वीसी के जरिये कोरोना की जिलेवार समीक्षा कर रहे हैं। वीसी में सभी कलेक्टर्स, एसपी और रेंज आईजी जुड़े हुये हैं। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा और कोर ग्रुप के अधिकारी भी सीएम निवास से जुड़े हैं। इस वीसी में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कई अहम फैसले हो सकते हैं।