जैसलमेर। राजस्थानी लोक गीत संगीत के सरंक्षक माने जाने वाले मांगणियार समुदाय से खासकर जैसलमेर के युवा देश भर में नाम रोशन कर रहे हैं,जैसलमेर के लोक संगीत में नए प्रयोग करने में देशी बॉय कुटले खान का कोई सानी नहीं हैं, कुटले खान लोक संगीत ने नए प्रयोग कर तेज़ी से लोकप्रिय  हैं,खासकर राजस्थानी फ्यूजन का नाम सुनते ही लोगो के जेहन में बस कुटले खान का नाम बस जाता है।

फ्यूजन किंग नाम से मशहूर,विश्वविख्यात कुटले खान का नया एल्बम सॉन्ग बियोंड ड्यून्स 15 फरवरी को रिलीज हो रहा है। बियोंड ड्यून्स एल्बम में राजस्थानी म्यूजिक को बेहतरीन फ्यूजन के साथ पेश किया गया है राजस्थान इतिहास में इस तरह फ्यूजन आधारित यह पहला एल्बम होगा जो हर स्तर पर गूंजेगा। कुटले खान इस एल्बम पर पिछले 3 साल से मेहनत कर रहे है। तथा समस्त संगीत प्रेमीयो को  इस एल्बम का बेसब्री से इंतजार है। इस एल्बम में कुल 7 गाने है जो विश्व के प्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक संगीतकारों के साथ मिलकर बनाए है जिसमे  राजस्थानी  संस्कृति का बेहतरीन समावेशन किया गया है । कुटले खान प्रोजेक्ट को लोक संगीत में  नवाचारों का जनक कहा जाता है तथा इनके नवाचारों से प्रेरित होकर मांगणियार समाज के कई युवा लोक संगीत की परंपरा को आगे बढ़ा रहे है।

फ्यूजन एवं स्टेज किंग नाम से मशहूर कुटले खान का एल्बम मूमल वर्ष 2015 का सर्वश्रेष्ठ  फॉक एल्बम सॉन्ग था इसके लिए इन्हे जीमा पुरस्कार प्रदान किया गया। जीमा पुरस्कार प्राप्त करने वाले कुटले खान प्रथम राजस्थानी लोक कलाकार है।

ए आर रहमान हुए कुटले खान के दीवाने

प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल आइफा में कुटले खान ने रणजीत बारोट सर के साथ राजस्थानी लोक संगीत एवं फ्यूजन की महक बिखेरी थी तो इस दौरान वहां मौजूद दिग्गज संगीत संगीतकार ऑस्कर विजेता ए आर रहमान सर कुटले खान से इस कदर प्रभावित हुए की उन्होंने अपने म्यूजिक प्रोजेक्ट  में कुटले खान को मौका दिया तथा फिल्म “मिमी” के पॉपुलर सॉन्ग परम सुंदरी के फॉक फ्यूजन के लिए के कुटले खान का चयन किया।

कई मशहूर एलब्मो में दी है आवाज

कुटले खान पिछले 3 दशक से लोक संगीत के प्रति समर्पित है । इस दौरान लगभग 80 देशों में सैकड़ों कार्यक्रम तथा भारत में हजारों स्टेज शो कर चुके है टॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म अंबाला के “यार यिना” में आवाज, अंत बहर एल्बम,कोक स्टूडियो के खरी खरी सॉन्ग, झिरमिर, मूमल सहित कई मशहूर एल्बम है तथा कुटले खान विश्व में एकमात्र संगीतकार है जो गायन के साथ एक दर्जन से अधिक वाद्ययंत्र बजाने में सिद्धहस्त है।