जयपुर। राजस्थान के 21 जिलों में पंचायत और जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस की खराब परफॉर्मेंस को लेकर इन दिनों कांग्रेस गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है सत्ता और संगठन के बीच हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ने की तैयारी हो चुकी है। इसी बीच पार्टी विधायकों लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं सवाईमाधोपुर जिले के बामनवास से कांग्रेस की विधायक इंदिरा मीणा ने अपनी ही पार्टी और सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अशोक गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री सह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और काम नहीं करने वाले मंत्रियों पर निशाना साधा। इंदिरा मीणा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मंत्रियों के चक्कर लगाने के बावजूद भी विधायकों के काम नहीं होने की बात कही है।

मंत्री नहीं कर रहे है विधायकों के काम
इंदिरा मीणा का कहना है कि कई मंत्री विधायकों के काम नहीं करते, वो उनकी समस्याओं की भी सुनवाई नहीं करते। मीणा ने कहा कि हमारे इलाके के लोगों की समस्याओं को कई बार बताने के बावजूद मंत्री काम नहीं करते। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा विधायकों की जनसुनवाई शुरू करने की बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह रहे थे, मैंने डोटासरा से कल वाजिब सवाल किया था कि जब विधायकों द्वारा उठाई गई जनता की समस्याओं का समाधान ही नहीं हो तो फिर जनसुनवाई का क्या फायदा। इंदिरा मीणा ने कहा, जनसुनवाई का मतलब यह है कि जब विधायक जनता द्वारा की गई शिकायतों को लेकर मंत्री के पास जाएं और उसका समाधान हो।

पीसीसी चीफ पर निशाना
दरअसल इंदिरा मीणा ने फेसबुक पोस्ट और ट्वीट कर के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था, एक सवाल शिक्षा मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से पूछना चाहूंगी कि जनता की समस्याओं को बताने के बाद, कोराना काल में कितनी बार आपके बंगले पर आना पड़ेगा, और इसके बाद भी क्या यह निश्चित है कि काम होंगे या उनके द्वारा दी गई चिट्ठी-पत्री को कचरा पात्र (डस्टबिन) में डाल दिया जाएगा? आपको बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब किसी कांग्रेस विधायक ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हो। इससे पहले भी गहलोत सरकार के खिलाफ उनके ही मंत्री बोल चुके है।