जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं राजनीतिक पार्टियों के बीच मनमुटाव भी तेज हो रहा है। वहीं, राजस्थान में तो सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के अंदर ही जुबानी जंग तेज हो गई है। हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो मंत्रियों के बीच का विवाद सामने आया है। यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल और खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। हाल ही में जयपुर के विकास को लेकर दोनों मंत्री आमने-सामने आ गए। खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने धारीवाल पर पलटवार करते हुए उन पर झूठे बयान देने और जयपुर के विकास को रोकने तक के आरोप लगाए हैं।

धारीवाल ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बोला हमला
यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल ने पहली बार अपनी ही सरकार के मंत्रियों और विधायकों पर हमला बोला है। उन्होंने राजधानी जयपुर के स्मार्ट सिटी और विकास में पिछड़ने को लेकर कांग्रेस के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बीते गुरुवार उदयपुर में कहा कि जयपुर इसलिए पिछड़ रहा है, क्योंकि यहां 3 मंत्री और 6 विधायक हैं।

मंत्रियों-विधायकों के विवाद में अटक गए काम
शांति धारीवाल ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या ये है कि स्मार्ट सिटी में कोटा, अजमेर, जयपुर और उदयपुर आते हैं लेकिन सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ जयपुर है। उन्होंने कहा कि वह जयपुर से ही हैं, लेकिन कुछ कर नहीं सके। वहीं, अपने मंत्रियों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर यहां मंत्री-विधायक न होते तो सारे काम समय पर पूरे हो जाते। उन्होंने कहा कि मंत्री और विधायकों में अगर विवाद न होते तो विकास कार्य जल्दी हो पाते।

शांति धारीवाल की नीयत में खोट : खाचरियावास
शांति धारीवाल के इस बयान पर अब राजस्थान के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि 3 मंत्रियों और 6 विधायकों ने मिलकर ही जयपुर का विकास किया है। अगर इसमें शांति धारीवाल भी साथ देते तो चार चांद लग जाते। खाचरियावास ने यूडीएच मंत्री पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि शांति धारीवाल एक बड़े नेता हैं। इसके बावजूद उन्होंने कभी जयपुर में मीटिंग नहीं ली। ऐसा दिखता है मानो जयपुर के प्रति उनकी नीयत में खोट है।

धारीवाल जो सर्टिफिकेट बांटते घूम रहे हैं, अच्छा नहीं लगता
खाचरियावास ने कहा कि जयपुर के मंत्री.विधायकों को लेकर धारीवाल जो सर्टिफिकेट बांटते घूम रहे हैं, उनको अच्छा नहीं लगता। मैं तो कहता हूं वे पूरे राजस्थान के मंत्री हैं। वे यह बता दें जयपुर को स्पेशल मदद कब की। जिस दिन जयपुर की स्पेशल मदद बता देंगे, मैं मान जाऊंगा। धारीवाल को पार्टी ने बहुत कुछ दिया है। उनका बयान पार्टी के हित में आना चाहिए। जब केसी वेणुगोपा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा बैठे है, तब उनका यह बयान आना गलत है।

धारीवाल कोटा में साथी विधायकों से खुद लड़ते रहते हैं
खाचरियावास ने कहा कि वे कैसे कह सकते हैं, जयपुर के छह एमएलए और मंत्री लड़ते रहते हैं। धारीवाल जी की खुद के कोटा में विधायक रामनारायण मीणा, भरत सिंह कुंदनपुर से बात ही नहीं होती। वे तो कोटा में खुद लड़ते रहते हैं। हमारे यहां जयपुर में विधायक.मंत्री साथ बैठते हैं। जयपुर के दो टुकड़े करने पर जिलाध्यक्ष के तौर पर जब मैंने स्टैंड लिया तो सबने साथ दिया। एक भी मंत्री-विधायक ने मेरे स्टैंड का विरोध नहीं किया। जयपुर में कोई टकराव नहीं है। हम सब जयपुर के मंत्री और विधायक एक हैं। साथ बैठकर चर्चा करते हैं।