कोटा 28 मई। शांति एवं अहिंसा विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्र स्तरीय श्रमिक विकास शिविर का रविवार को गांधी दर्शन को आत्मसात करने के संकल्प के साथ सम्पन्न हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहरलाल नेहरू की स्मृति में आयोजित शिविर में देश के विभिन्न प्रांतों से 500 से अधिक गांधीवादी विचारकों ने भाग लिया जो कोटा शिविर की सुखद अनुभूतियों के साथ लौटे।

उपाध्यक्ष राजस्थान श्रम कल्याण सलाहकार बोर्ड एवं अध्यक्ष इंटक जगदीश राज श्रीमाली ने मजदूर वर्ग के पसीने को बहुमूल्य बताया और कहा कि मजदूर के पसीने से ही देश को सींचा जाता है। उन्होंने कहा, मजदूर किसी धर्म, जाति, वर्ग से अलग नहीं होते। मजदूर को उसका पसीना एकता की डोर में बांधता है। उन्होंने कहा अगर कहीं किसी मजदूर के साथ अत्याचार होता है तो गांधी के सत्य एवं अहिंसा के मार्ग से उसके खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है।

उपाध्यक्ष श्रम कल्याण बोर्ड ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को श्रमिकों के प्रति बेहद संवेदनशील बताते हुए स्वयं का उदाहरण दिया कि इसी संवेदनशील सोच के कारण आज उदयपुर का एक श्रमिक इस मंच से श्रमिकों की आवाज़ बुलंद कर रहा है। उन्होंने कहा, राजस्थान पहला राज्य है जहां सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए पुनर्वास, मुआवजा जैसी नीति लागू है। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया एवं खान मजदूरों के लिए खान श्रमिक बोर्ड बनाया।

राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक पंकज मेहता ने श्रम शक्ति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में देश के विभिन्न राज्यों से इस शिविर में प्रतिनिधियों का आना श्रम शक्ति की बहुत बड़ी जीत है यह बापू के विचारों की भी जीत है जो एकजुट होकर परिश्रम करके विकास की ओर अग्रसर हैं। समाज कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष मीनाक्षी चन्द्रावत ने भी गांधी दर्शन एवं इसकी प्रासंगिकता रेखांकित की।

शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा ने सभी श्रमिको से एकजुट होकर विकासवादी मानसिकता के साथ आगे बढ़ने का आव्हान किया। उन्होंने राजस्थान सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी श्रमिक हितैषी योजनाओं का अपने-अपने राज्यों में प्रचार-प्रसार करने का संभागियों से आह्वान किया।

प्रोफेसर गोपाल सिंह ने गांधी को याद करके रोटी श्रम की अवधारणा की व्याख्या की। उन्होंने कहा, हर वह व्यक्ति श्रमिक है जो पैसों के लिए श्रम करता है चाहे वह उच्च अधिकारी हो या मजदूर। इसलिए मजदूर वर्ग को हीन भावना से दूर रहना चाहिए एवं अपने श्रम पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहा भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने संचार क्रांति, पंचवर्षीय योजना से विकास एवं वैज्ञानिक सोच की परिपाटी भारत में रखी। भारत के लिए उनकी दूरदृष्टि उनके नीतिगत फैसलों में साफ देखने को मिलती है। उन्होंने कहा, हर मजदूर को अपने अनुभवों को एक दूसरे से बांटना चाहिए ताकि एक दूसरों की गलती से सीखा जा सके।

अलवर जिले के आए गांधी दर्शन समिति के सचिव विशाल यादव ने कहा कि यदि गांधी के विचारों को जीवन में उतार लिया जाए तो जीवन काफी सरल हो जाएगा। वार्ताकार चंद्रशेखर ने महाराणा प्रताप एवं गांधी के विचारों में समन्वय पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, गांधी ने कहा था मेरा जीवन ही मेरा संदेश है जिससे उनकी कथनी और करनी में एकरूपता देखी जा सकती है। उन्होंने कहा, गांधी का मानना था कि जिस प्रकार बौद्धिक श्रम को सम्मान प्राप्त होता है उतना ही सम्मान शारीरिक श्रम को भी मिलना चाहिए।

गुजरात इंटक के अध्यक्ष नेषेद्य देसाई ने राजस्थान सरकार को शांति एवं अहिंसा निदेशालय की स्थापना करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री द्वारा श्रम शिविर को प्रोत्साहित करना बहुत बड़ा कार्य है जिसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। उन्होंने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि गुजराती कपड़ा मिलों में काम कर रहे मजदूरों के अधिकारों के लिए महात्मा गांधी ने हड़ताल की थी और कहा था कि हर विवाद बातचीत से सुलझाना चाहिए।

गांधी जीवन दर्शन समिति,बूंदी के संयोजक राजकुमार माथुर एडवोकेट, गांधी वादी विचारक नरेश विजयवर्गीय ने गांधी दर्शन की सार्थकता और प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए ऐसे शिविरों के आयोजन को गांधी दर्शन को नई पीढी तक पहुंचाने की दिशा में मील का पत्थर बताया। नरेश विजयवर्गीय का सम्मान भी किया गया। समापन अवसर पर आयोजन की नोडल अधिकारी जिला परिषद सीईओ ममता तिवाडी को शिविर आयोजन की उत्कृष्ठ व्यवस्थाआंे के लिए सम्मानित किया गया।

उन्होंने शिविर संभागियों एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। अतिथियों एवं संभागियों को स्मृति चिह्न प्रदान किए गए।
शिविर में, गांधी जीवन दर्शन समिति कोटा के सह संयोजक संदीप दिवाकर, जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अनुराग गौतम, वंदना एवं अन्य गणमान्य सदस्यों ने भाग लिया। प्रशासन से एडीएम राजकुमार सिंह, नगर निगम उपायुक्त, राजस्थान लेखाकार सेवा से दिनेश शर्मा, बीडीओ मज़हर इमाम एवं जेपी मीना आदि मौजूद रहे। संचालन नीता डांगी एवं पुरूषोत्तम शर्मा ने किया।