जयपुर। राजस्थान में जब से कांग्रेस सरकार आई है, तभी से प्रदेश की जनता काफी परेशान है। अशोक गहलोत के राज में कानून व्यवस्था खत्म सी हो गई है, आज महिलाएं और बच्चियां कहीं भी सुरक्षित नहीं है। व्यापार से लेकर मजदूर वर्ग और किसान भी अछूता नहीं है। कांग्रेस सरकार जो वादा करके सत्ता में आई थी, 5 साल पूरे होने वाले हैं लेकिन अभी तक उन्होंने एक भी काम पूरा नहीं किया। राजस्थान में बीते कुछ दिनों से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

कलेक्ट्रेट के सामने दिया धरना
किसानों का कहना है कि राम तो रूठा है लेकिन कांग्रेस की सरकार भी किसानों से रूठी हुई है। भरतपुर जिले में कई दिन से रुक-रुक कर बरसात हो रही है। इससे किसान की फसल चौपट हो गई है। किसान खराब फसल की गिरदावरी कराकर मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के गेट पर धरना दिया संघ ने मुख्यमंत्री अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जल्दी से गिरदावरी कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की है।

खरीफ की खराब हुई फसल का अबतक नहीं मिला है मुआवजा
बरसात और ओलावृष्टि से हुई फसल खराब के बाद किसान मंगलवार को कलेक्ट्रेट के के पास धरने पर बैठ गए किसानों ने कांग्रेस सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है। किसानों का कहना था कि जिले में कई किसान ऐसे हैं जिनकी खरीफ की फसल बरसात से खराब हो गई थी। जिसका मुआवजा उन्हें अभी तक नहीं मिला है।

किसानों को सता रही है अब यह चिंता
अब किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि अब कहीं ऐसा न हो कि उन्हें सरसों और गेंहू की फसल खराबे का भी मुआवजा न मिले। इसलिए बीते दिनों हुई ओलावृष्टि और बारिश से हुए नुकसान फसल का सर्वे जल्द से जल्द करवाया जाए। उनकी मांग है कि किसानों को खरीब की फसल और रबी की फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए।

खराब हुई फसल का तुरंत सर्वे कराया जाए
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्ट्रेट गेट पर धरना.प्रदर्शन किया। संघ के जिलाध्यक्ष रमन सिंह कसौदा ने बताया की भरतपुर जिले में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से सभी तहसीलों में गेहूं और सरसों की फसल 50 फीसदी से लेकर 90 फीसदी तक खराब हो चुकी है। राजस्थान सरकार से अनुरोध किया गया है कि जिला प्रशासन बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई गेहूं और सरसों फसल का सर्वे कराए तुरंत प्रभाव से मुआवजा दिलाया जाए। ताकि किसानोंको थोड़ी राहत मिल सके।

मुआवजा देने के लिए सरकार ने लगा दी कई शर्तें
संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमारी दूसरी मांग यह है कि खरीफ की फसल ज्वार .बाजरा भी बरसात से खराब हुई थी। उसका मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार ने कई शर्तें लगा दी हैं। सरकार का कहना है कि जिस किसान का जनाधार खाता से जुड़ा नहीं होगा। उसको मुआवजा नहीं मिलेगा। जनाधार में नाम दर्ज कराने और उसको बैंक खाते से लिंक कराने की अन्तिम तिथि 30 मार्च है। उन्होंने अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 अप्रैल करने की मांग की।