राजस्थान के नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा और उनके निजी सहायक कृष्ण सिंह के खिलाफ अपहरण और डराने-धमकाने का मामला दर्ज किया गया है। उधर, खुद पर केस दर्ज होने पर गुढ़ा ने कहा कि किसी मंत्री या विधायक के खिलाफ थाने में केस दर्ज होना सोचने वाली बात है. मेरी पत्नी ने पहले ही कह दिया था कि मुख्यमंत्री से पंगा मत लेना।

सीएम को जानकारी नहीं, ऐसा नहीं हो सकता : गुढ़ा

नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा, मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग की जिम्मेदारी है. उन्हें अपने मंत्री पर इतना भरोसा नहीं है कि इस मामले में पहले मुझसे जानकारी लेते तो उचित होता कि मामला क्या है। गुढ़ा ने कहा, ऐसा नहीं हो सकता कि मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज हो और सीएम को इसकी जानकारी न हो।

गुढ़ा ने सीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है

दरअसल, कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति में गुढ़ा पिछले कुछ समय से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ हैं। बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए गुढ़ा पहले गहलोत खेमे में थे। लेकिन पिछले कुछ समय से उन्होंने सीएम के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

पार्षद ने मामला दर्ज कराया है

मंत्री के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने वाले नीम का थाना पंचायत समिति के पार्षद दुर्गा सिंह ककरान ने बताया कि 27 जनवरी को दिनदहाड़े मंत्री, उनके निजी सहायक व अन्य लोगों ने उन्हें बात करने के लिए अपने सरकारी वाहन में बिठाया और फिर उनका अपहरण कर लिया। अपहरण कर कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए और हद में रहने की धमकी दी। दो ब्लैंक चेक भी साइन करवा लिए। काफी देर तक बंधक बनाए रखने के बाद उसे छोड़ दिया गया।

मंत्री ने दस लोगों के साथ मिलकर दुव्र्यवहार किया

नीम का थाना पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में दुर्गा सिंह ने कहा कि वह मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र उदयपुरवाटी में कई राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे। इस मामले को लेकर मंत्री गुढ़ा उनसे उनसे रंजिश रखते हैं। दुर्गा सिंह ने कहा कि मंत्री ने दस लोगों के साथ मिलकर उसके साथ दुव्र्यवहार किया। मंत्री उसे अपने फार्म हाउस ले गया और फिर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। मंत्री ने उदयपुरवाटी थाने के अधिकारी को फोन किया और कहा कि वह दुर्गा सिंह को लाए हैं, अगर वह मान जाए तो ठीक है, अन्यथा उस पर ऐसा मुकदमा किया जाए कि वह एक-दो साल तक बाहर नहीं आ सके। पुलिस के मुताबिक मंत्री से जुड़ा मामला होने के कारण जांच सीआईडी, सीबी को सौंपी गई है।