जयपुर। राजस्थान के 20 जिलों के 90 नगरीय निकायों में 28 जनवरी को चुनाव परिणाम में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला रहा। राजस्थान में नगरीय निकायों के कुल 196 बोर्ड हैं। इनमें 10 नगर निगम, 34 नगर परिषद और 152 नगर पालिकाएं हैं। इनमें से 90 बोर्ड के लिए 28 जनवरी को हुए चुनाव में 76.52 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इन निकायों में सात मंत्रियों और 22 विधायकों की साख दांव पर लगी हुई थी। जो मंत्री अपने क्षेत्रों में पार्टी को बहुमत नहीं दिला पाए उनमें पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल हैं।

निर्दलीय बने किंग मेकर
31 जनवरी को घोषित परिणामों में 6 बोर्ड ऐसे हैं, जहां भाजपा और कांग्रेस बराबरी पर रही हैं। 16 निकाय ऐसे हैं, जहां कांग्रेस और भाजपा में से जो भी निर्दलीयों का समर्थन लेने में कामयाब होगा, वही बोर्ड बना सकेगा। वहीं, 6 निकायों में कांग्रेस मजबूत है और निर्दलीयों का साथ मिलने पर बोर्ड उसका हो सकता है। भाजपा 3 निकायों में मजबूती के साथ आई है, लेकिन बोर्ड बनाने के लिए उसे भी निर्दलीयों की मदद चाहिए। बाकी निकायों में केवल निर्दलियों का ही बोलबाला है। लिहाजा, यहां बोर्ड पर कौन काबिज होगा, इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है।

गहलोत-डोटासरा के दावे
निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान तो आये, पर दोनों ही वरिष्ठ नेता आंकड़ों के जरिये बढ़त बताने से बचते दिखाई दिए। मुख्यमंत्री गहलोत ने निकाय चुनावों के नतीजे को सुखद बताते हुए कांग्रेस पार्टी के विजयी प्रत्याशियों को शुभकामनायें और मतदाताओं का आभार जताया। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि परिणामों में मत प्रतिशत और विजयी पार्षदों की संख्या के मामले में कांग्रेस पार्टी प्रतिद्वंदी से बेहतर है। उन्होंने अधिकांश जगहों पर कांग्रेस पार्टी का बोर्ड बनने का भी दावा किया। इधर डोटासरा ने भी ‘आंकड़ों’ का सहारा नहीं लिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया में भाजपा पर जमकर निशाना तो साधा ही पर वे कांग्रेस की बढ़त को ‘आंकड़ों’ के जरिए समझाने से बच गए।

2 महीने में डोटासरा को दूसरा झटका
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को दो महीनों में दूसरा झटका लगा है। प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र की नगरपालिका में कांग्रेस अपने बूते पर बोर्ड नहीं बना पाई। कांग्रेस को निर्दलियों का समर्थन लेना पड़ेगा। लक्ष्मणगढ़ में नगरपालिका चुनाव में भी कांग्रेस और बीजेपी बराबर पर हैं। 40 वार्ड वाली लक्ष्मणगढ नगरपालिका में कांग्रेस और बीजेपी ने 14-14 वार्ड जीते हैं, 11 वार्डों में निर्दलीय जीते हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र में नगरपालिका बोर्ड किसका बने यह निर्दलीय तय करेंगे।