उदयपुर। प्रदेश में चुनावी साल की शुरूआत होने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया एक बार फिर सियासी गलियारों में लौट आई है। पिछले कुछ समय से पार्टी कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों से दूरी बनाकर रखने वाली राजे ने एक बार फिर अपने चुनावी अभियान का बिगुल मेवाड़ से बजाया है। रविवार को सूबे की पूर्व सीएम अपने तीन दिवसीय मेवाड़-वांगड़ दौरे पर पहले उदयपुर पहुंची, जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। इसके बाद वह सड़क मार्ग से डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम मेले पहुंची जहां डेढ़ किलोमीटर पैदल चल राधा-कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की। वसुंधरा के दक्षिण राजस्थान के दौरे को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है। माना जा रहा है इस यात्रा के जरिए वसुंधरा राजे आदिवासी अंचल के 3 जिलों में एक साथ जनता की नब्ज टटोल रही है।

कहो दिल से वसुंधरा फिर से के नारे लगाए
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान स्वागत के लिए पहुंचे कार्यकर्ताओं ने वसुंधरा राजे के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहो दिल से वसुंधरा फिर से के नारे लगाए। इस दौरान राजे ने वहां मौजूद सभी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की राजे के डबोक एयरपोर्ट पहुंचने पर उदयपुर के सांसद अर्जुन लाल मीणा, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, मावली विधायक धर्म नारायण जोशी और श्री चंद कृपलानी भी मौजूद रहे।

दौर के सियासी गलियारों में अलग अलग मायने
वसुंधरा के दौरे को लेकर सियासी गलियारों में अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। वसुंधरा राजे के डबोक एयरपोर्ट पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया। वसुंधरा के दौरे को मेवाड़ वागड़ में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के साथ ही वर्तमान नब्ज टटोलने के तौर पर देखा जा रहा है।

जो काम बाकी रहे थे उनको हम पूरा करवाएंगे : राजे
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बेणेश्वर धाम में लगे मेले में चूड़ियां खरीद कर पहनी और पूजन के लिए मावजी और काली माता की तस्वीरें भी खरीदी। राजे ने कहा कि मुझे विश्वास है राजस्थान में अब बदलाव होगा और वागड़ सहित हर क्षेत्र में जो भी काम शेष रहे थे उन्हें हम पूरा करवाएंगे। इसके अलावा राजे ने अपनी पिछली सरकार के कामों को भी जनता के सामने याद किया। राजे ने कहा कि मुझे लगता है कि अब भी बहुत कुछ करना है और आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों मावजी महाराज के आशीर्वाद से यह काम होने वाला है, बस आप लोग अपना आशीर्वाद बनाए रखो। वहीं मेले में एक आदिवासी महिला के आग्रह करने पर राजे ने तीर-कमान भी चलाया।

वागड़ जाने के सियासी मायने
बांसवाड़ा-डूंगरपुर इलाका वागड़ क्षेत्र कहलाता है जहां आदिवासियों का वर्चस्व है। अब उनमें राजनीतिक समझ बढ़ने से वहां त्रिकोणीय टक्कर देखने को मिल रही है। इन इलाकों में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा बीटीपी (भारतीय ट्राइबल पार्टी) लगातार अपना वर्चस्व मजबूत कर रही है। आपके बता दें कि वागड़ में 9 विधानसभा सीटें हैं जहां बांसवाड़ा जिले में 5 और डूंगरपुर जिले में 4 हैं।

डूंगरपुर सीट कांग्रेस का गढ़
बांसवाड़ा को देखें तो यहां एक बागीदौर सीट से कांग्रेस के महेंद्र जीत सिंह मालवीय लगातार विधायक हैं। इसके अलावा, हर सीट पर दोनों पार्टियों का आवागमन होता रहता है। वहीं डूंगरपुर में डूंगरपुर, सागवाड़ा, चौरासी और आसपुर 4 विधानसभा सीटें है जहां डूंगरपुर सीट कांग्रेस का गढ़ है जिससे गणेश घोघरा विधायक हैं।