केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान की जनता ने गहलोत सरकार को विदा करने का मन बना लिया है। प्रचंड बहुमत से अगली सरकार भाजपा की बनेगी और कैबिनेट की पहली बैठक में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को स्वीकृति देकर पूर्वी राजस्थान के पूरे 13 जिलों में पीने और सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

बुधवार को एक दिवसीय भरतपुर दौरे पर आए केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने मीडिया से बातचीत में ईआरसीपी पर खुलकर चर्चा की। मंत्री शेखावत पूर्वी राजस्थान में प्रवास कर रहे है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ईआरसीपी को लेकर गहलोत सरकार विशुद्ध राजनीति कर रही है। इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए जो तकनीकी स्वीकृतियां देनी चाहिए थीं, वह राज्य सरकार ने केन्द्र को आज तक नहीं दी है। अब इस मुद्दे पर गहलोत सरकार बेनकाब हो रही है और जनता का भ्रम दूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत जिस ईआरसीपी को खुद पूरा करने की बात कह रहे हैं, उससे मात्र तीन जिलों जयपुर, टोंक और अजमेर की प्यास बुझेगी। भरतपुर, अलवर सहित पूर्वी राजस्थान के शेष जिलों के कंठ प्यासे ही रहेंगे।

शेखावत ने कहा कि किसी परियोजना को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा देने के लिए पर्यावरण, वन, वित्तीय और तकनीकी क्लीयरेंस जरूरी है, लेकिन इस मामले में गहलोत सरकार तकनीकी स्वीकृतियां उपलब्ध नहीं करा पाई। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में राज्य की कुल आबादी के 40 प्रतिशत लोग रहते हैं। गहलोत सरकार की राजनीति के चलते इन 13 जिलों की जनता त्रस्त और बदहाल है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। 

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2016 में वसुंधरा राजे सरकार ने ईआरसीपी की परिकल्पना के विषय में विचार किया। वर्ष 2017 में वाप्कोस को डिजाइन बनाने के लिए दिया, लेकिन राजस्थान ने देश के तय मानक 75 प्रतिशत के बजाय 50 प्रतिशत डिपेंडेबिलिटी पर बनाया, जिसे स्वीकृति नहीं मिली। वसुंधरा जी की सरकार के समय ही सीडब्ल्यूसी ने इसे सही करके बनाने के लिए कहा। दुर्भाग्य से सरकार बदली और गहलोत सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाने के बजाय इसे राजनीति की फुटबॉल बनाने का काम किया। एक सवाल के जवाब में शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर गहलोत सरकार भ्रम फैला रही है, लेकिन धीरे-धीरे वह बेनकाब हो रही है। भाजपा इस मामले में पूर्वी राजस्थान के हितों के साथ है और इसके लिए संघर्ष भी करना पड़े तो किया जाएगा।

एक भी मीटिंग में नहीं आए सीएम और मंत्री

शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत को मैंने बार-बार पत्र लिखकर आग्रह किया कि इस पर आगे मार्ग निकालते हैं। हमने दस बार मीटिंग्स का आयोजन किया, लेकिन एक भी बार राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री, पहले अशोक गहलोत के पास ही इसका दायित्व था, न वो बैठक में आए, न मंत्री उस बैठक में उपस्थित हुआ। प्रधानमंत्री के निर्देश पर जयपुर में 18 अप्रैल 2022 को बैठक रखी, जिसकी एक महीने पहले सूचना मुख्यमंत्री और मंत्री को देखकर समय निश्चित किया। बैठक की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री और मंत्री की तरफ से कहलवा दिया गया कि वो दोनों नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि उस बैठक में भी राजस्थान के अधिकारियों ने हमारी बात पर सहमति व्यक्त की, लेकिन दुर्भाग्य से ईआरसीपी सिरे नहीं चढ़ पाई।

बीसलपुर-ईसरदा लिंक से केवल तीन जिलों को लाभ

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अब राजस्थान सरकार ईआरसीपी के नाम पर नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना लेकर आई है। इसकी लागत 15 हजार करोड़ है और इससे बनने वाले इस लिंक से केवल 521 एमसीएम पानी मिलेगा।

संवाददाता- आशीष वर्मा