एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत अरूणाचल प्रदेश के 15 विद्यार्थियों ने राजस्थान की संस्कृति को नजदीक से समझने के लिए अजमेर जिले का भ्रमण करने के पश्चात जिला कलक्टर श्री अंश दीप से संवाद किया।

जिला कलक्टर अंश दीप ने कहा कि संस्कृतिक आदान प्रदान के इस प्रकार के कार्यक्रमों से युवा भारत की विभिन्न संस्कृतियों से आत्मसात होंगे। भारत कई संस्कृतियों का मिला-जुला रूप है। अलग-अलग संस्कृतियों का अनुभव इन्हें भारत को जानने का अवसर देगा। स्थानीय व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित कर उनके रहन-सहन तथा जीवन शैली के बारे में नजदीकी से जान पाएंगे।

उन्होंने कहा कि युवा संगम कार्यक्रम से राजस्थान से सुदुर पूर्व के राज्य अरूणाचाल प्रदेश के युवा राजस्थान की स्थानीय समस्याओं तथा उनके निराकरण के तरीकों को समझेंगे। प्रकृति के साथ स्थानीय समुदाय की संघर्ष गाथा का अपने राज्य के परिप्रेक्ष्प में तुलना कर पाएंगे। भारत के एक छोर से दूसरे छोर के मध्य होने वाले भौगोलिक परिवर्तन की समझ विकसित  होगी।राजस्थान की हस्तकला विश्व प्रसिद्व है। हेण्डीक्राफ्ट आईटमों का अरूणाचल प्रदेश के साथ तुलनात्मक अध्ययन उपयोगी रहेगा।

केन्द्रीय विश्वविद्यालय बांदर सिंदरी के डॉ. शैलेन्द्र सिंह एवं डॉ. प्रगति जैन ने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के अन्तर्गत युवा संगम कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत पूर्वोतर राज्य अरूणाचल प्रदेश के 15 विद्यार्थियों का दल सोमवार को   अजमेर पंहुचा। इससे पूर्व किशनगढ मेंं अजमेर सांसद श्री भागीरथ चौधरी के साथ स्थानीय व्यवस्थाओं के बारे में विचार विमर्श किया। किशनगढ के मार्बल एरिया में उद्योगों की जानकारी प्राप्त की। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राजस्थानी संस्कृति से रूबरू करवाया गया। सोमवार को पुष्कर के ब्रह्मा मन्दिर तथा गऊ घाट पर स्थानीय धार्मिक पक्ष के बारे में जानकारी ली।

इस अवसर पर नोर्थ ईस्ट रीजनल इंस्टीट्यूट के सहायक प्रोफेसर डॉ अजीत यादव एवं डॉ. यामेम तामुल सहित 15 विद्यार्थी उपस्थित रहे।