जयपुर। प्रदेश के बाड़मेर जिले में हुए दर्दनाक बस-ट्रक हादसे में जिंदा जले 12 यात्रियों में से 9 अभी तक पूरी तरह से शिनाख्त नहीं हो पाई है। हादसे में मारे गये यात्रियों के नाम तो सामने आ गये हैं, लेकिन कौन सा शव किसका है इसका अभी तक पता नहीं चल पाया। भिड़ंत के बाद बस में आग से जिंदा जले यात्रियों के शव इस कदर जल चुके हैं कि उनकी शिनाख्त नहीं हो पा रही है। कइयों की तो हडि्डयां तक जल गई हैं। ऐसे में अब उनकी शिनाख्त डीएनए से की जायेगी।

कपड़े की गठरियों में बांधकर लाए शव
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में बाड़मेर जोधपुर नेशनल हाईवे पर बस हादसे में जिंदा जले 12 लोगों के शव रखे गए हैं। इन शवों को कपड़े की गठरियों में बांध कर जोधपुर लाया गया और अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। महात्मा गांधी अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट ने रात तीन बजे तक शवों के DNA कलेक्ट किए और इनकी पैकिंग की।

तीन दिन बाद आएंगी रिपोर्ट
डिपार्टमेंट के डॉक्टर का कहना है कि उनकी टीम के लिए पहली बार ऐसा मौका था जब 12 शवों के डीएनए सैंपल एक साथ लिए और जयपुर लैब भेजे गए। इनकी रिपोर्ट आने में तीन दिन लगेंगे। फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड पीसी व्यास ने भास्कर को बताया कि हमारे डिपार्टमेंट के लिए यह बड़ी चुनौती थी। यह पहला मौका था कि मृतकों और उनके परिजनों का DNA सैंपल लेकर उसे पैक कर जयपुर भेजना था।

बाड़मेर-जोधपुर हाईवे पर हुआ था हादसा
आपको बता दें कि यह दर्दनाक हादसा बाड़मेर जिले में मंगलवार को सुबह हुआ था। बाड़मेर के पचपदरा थाना इलाके में बाड़मेर-जोधपुर हाईवे पर हुये इस हादसे में सवारियों से भरी बस और ट्रक की भिड़ंत हो गई थी। टक्कर के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई थी। इससे बस में सवार 11 यात्रियों समेत ट्रक चालक जिंदा जल गये थे। मारे गये यात्रियों में चार बच्चे भी शामिल हैं।