जयपुर। 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में सियासी पारा आसमान में चढ़ा हुआ है। राजस्थान में नाम वापसी के बाद अब उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई है। कांग्रेस और बीजेपी के तमाम प्रयासों के बावजूद ज्यादातर जगहों पर बागी उम्मीदवारों को मनाने में सफलता नहीं मिली। चुनाव के लिए गुरुवार दोपहर नाम वापसी की अवधि खत्म होने के बाद 200 सीटों पर प्रत्याशियों के बीच मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई। अभी भी कांग्रेस और बीजेपी के लगभग 45 से ज्यादा बागी चुनावी मैदान में हैं। इनमें से ज्यादातर निर्दलीय हैं, कुछ को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) गठबंधन ने टिकट दिए हैं। इस बार बागी उम्मीदवार कई सीटों पर मुकाबले को रोचक बनाते दिख रहे हैं।

बागियों से बाड़मेर की शिव सीट सबसे हॉट सीट
25 सीटों पर बीजेपी के बागी तो 20 सीटों पर कांग्रेस के बागी चुनाव लड़ रहे हैं। बागियों के हिसाब से बाड़मेर की शिव सीट सबसे हॉट सीट है, जहां कांग्रेस का एक और बीजेपी के दो बागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां बीजेपी के बागी जालम सिंह रावलोत और रविंद्र सिंह भाटी चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष फतेह खान भी मैदान में हैं।

अजमेर में बीजेपी के 8 बागी मैदान में
जयपुर में बीजेपी का एक और कांग्रेस का एक, कोटा में एक बीजेपी, उदयपुर में दो बीजेपी, भरतपुर में बीजेपी के दो, बीकानेर में कांग्रेस के दो, अजमेर में बीजेपी के 8 और कांग्रेस के तीन, श्रीगंगानर में बीेजेपी का एक और कांग्रेस का एक, सीकर में बीजेपी के तीन और कांग्रेस का एक, चूरू में कांग्रेेस के दो, झुंझुनूं में बीजेपी के दो, धौलपुर में बीजेपी का एक और कांग्रेस का एक, करौली में भी बीजेपी का एक और कांग्रेस का एक, बांसवाड़ा में कांग्रेस का एक, बारा में बीजेपी का एक और कांग्रेस का एक, भीलवाडा में बीजेपी के चार और कांग्रेस का एक, सिरोही में बीजेपी का एक, जालोर में बीजेपी के दो और कांग्रेस का एक नेता है।

अलवर और डूंगरपुर में कांग्रेस के 3-3 बागी
वहीं, अलवर में बीजेपी के तीन और कांग्रेस के तीन, डूंगरपुर में कांग्रेस के तीन, बाड़मेर में बीजेपी के दो और कांग्रेस दो, नागौर में कांग्रेस का एक, दौसा में बीजेपी का एक और कांग्रेस का दो, चित्तौड़गढ़ में बीजेपी का दो और कांग्रेस का एक, सवाई माधोपुर में बीजेपी के दो और कांग्रेस के दो, टोंक में बीजेपी का एक और कांग्रेस के दो, झालावाड़ में बीजेपी के दो, बूंदी में बीजेपी का एक और कांग्रेस एक, पाली में बीजेपी का एक और कांग्रेस का एक बागी नेता मैदान में ताल ठोक रहा है।

कांग्रेस के बागियों ने बिगाड़े समीकरण
शिव से फतेह खान, बसेड़ी से खिलाड़ीलाल बैरवा, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से जौहरीलाल मीणा, शाहपुरा से आलोक बेनीवाल, सिवाना से सुनील परिहार, जालोर से रामलाल मेघवाल, नागौर से हबीबुर्रहमान, लूणकरणसर से वीरेंद्र बेनीवाल, चौरासी से महेंद्र बारजोड़, सादुलशहर से ओम बिश्नोई, मनोहरथाना से कैलाश मीणा, खींवसर से दुर्ग सिंह खींवसर, देवाराम रोत, राजकरण चौधरी, अजीजुद्दीन आजाद, राकेश बोयत, रामनिवास गोयल, नरेश मीणा, करुणा चांडक, गोपाल गुर्जर और मनोज चौहान कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं।

बीजेपी में कांग्रेस से ज्यादा बागी
बीजेपी में कांग्रेस से ज्यादा बागी मैदान में हैं। शिव से रवींद्र भाटी, चित्तौड़गढ से चंद्रभान आक्या, डीडवाना से युनूस खान, बाड़मेर से प्रियंका चौधरी, झुंझूनू से राजेंद्र भांबू, सूरतगढ़ से राजेंद्र भादू, शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, लाडपुरा से भवानी सिंह राजावत, खंडेला से बंशीधर बाजिया, झोटवाड़ा से आशुसिंह सूरपुरा, सुजानगढ़ से राजेंद्र नायक, सीकर से ताराचंद धायल, सवाईमाधोपुर से आशा मीणा, संगरिया से गुलाब सिंवर, सांचौर से जीवाराम चौधरी, मसूदा से, जसवीर सिंह खरवा, ब्यावर से इन्द्र सिंह, मकराना से हिम्मत सिंह राजपुरोहित, लूणकरणसर से प्रभुदयाल सारस्वत, कोटपूतली से मुकेश गोयल, जालोर से पवनी मेघवाल, बस्सी से जितेंद्र मीणा, फतेहपुर से मधुसूदन भिंडा, पिलानी से कैलाश मेघवाल, डग से रामचंद्र सुनेरीवाल मैदान में हैं। रितु बनावत, अशोक कोठारी, ज्ञानचंद सारस्वत, रुपेश शर्मा और योगी लक्ष्मण नाथ भी बीजेपी के बागी हैं।