जयपुर, 8 फरवरी। राजस्थान ललित कला अकादमी की ओर से तथा जेकेके की सहभागिता में आयोजित किए जा रहे 23वें कला मेले का बुधवार को समापन हुआ। बीस सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे।

इस अवसर पर कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए दिव्यांग चित्रकार बजरंग लाल सुथार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया। साथ ही विभिन्न पैमानों के आधार पर मेले के प्रतिभागी कलाकारों में से चयनित किए गए 15 कलाकारों को सम्मानित किया गया। ये कलाकार हैं – त्रिलोक चंद जांगिड़, उषा पुरोहित, नीरजा शेखावत, इकबाल हुसैन, भारती आर्य, ओजस्वी अग्रवाल, विनीता कसाना, निकिता, नैना सोमानी, मानवेन्द्र सिंह, एकता शर्मा, शिवपाल कुमावत, प्रवीण कुमार, वाणाश्री राजू दाबीर और स्नेहा। साथ ही पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार चिन्मय एस मेहता भी उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि डॉ. चंद्रभान ने अपने संबोधन में कहा कि कला मेले जैसे आयोजनों से राष्ट्र व समाज के कल्याण का संदेश दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने इस मेले की विजिट कर यह देखा कि कला के क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं, उनके पास नेतृत्व क्षमता, आइडियाज व क्रिएटिविटी है। डॉ. चंद्रभान ने आगे कहा कि आने वाले समय में शोध करने वाले, क्रिएटिव व इनोवेटिव लोग ही आगे बढ़ेंगे और कलाकारों के पास ये सब गुण है। हमारे देश की अमूल्य कला, संस्कृति व साहित्य को और अधिक आगे बढ़ाने के लिए हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करने चाहिए।

इससे पूर्व राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास और सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कला मेले के संयोजक लाखन सिंह जाट ने छह दिन के मेले की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की