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फसली ऋणमाफी प्रमाणपत्र का वितरण करते हुए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे।
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फसली ऋणमाफी प्रमाणपत्र का वितरण करते हुए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे।

वर्तमान वसुन्धरा सरकार ने प्रदेश के किसान भाईयों के लिए बहुत कुछ किया है। यहां तक की कर्ज में डूबे हुए कृषकों का 50 हजार रुपए तक का ऋण भी माफ किया है। इस अभियान के तहत प्रदेशभर में 4 जून से 29 जुलाई तक 5 हजार 454 ऋणमाफी शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। इन शिविरों में 22 लाख 16 हजार 685 किसानों के 6739 करोड़ 96 लाख रुपए के ऋणमाफी प्रमाण पत्र जारी हो चुके हैं। इनमें 8 लाख 17 हजार 355 सीमान्त एवं लघु और 4 लाख 27 हजार 330 अन्य किसान शामिल हैं। साथ ही 12 लाख 44 हजार 685 किसानों ने 3606.19 करोड़ रुपए के ऋणमाफी प्रमाण पत्र प्राप्त भी कर लिए हैं। इसी के साथ आगामी सीज़न के लिए ऋण भी प्रदान किए जा रहे हैं ताकि किसानों को आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े। योजना के तहत 8 हजार करोड़ रुपए की कर्जमाफी का लक्ष्य रखा गया है जिससे वर्तमान सरकार पर करीब 6 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। आगामी 15 अगस्त तक शेष बचे किसानों को ऋणमाफी प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे।

योजना के तहत 8 हजार करोड़ रुपए की कर्जमाफी का लक्ष्य रखा गया है जिससे वर्तमान सरकार पर करीब 6 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।

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अजय सिंह किलक, सहकारिता मंत्री, राजस्थान

इस बारे में बात करते हुए राजस्थान के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि ‘प्रदेश में 4 जून से 29 जुलाई तक 5 हजार 454 ऋण माफी शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। सहकारी बैंकों से जुड़े 22 लाख 16 हजार 685 किसानों के 6739 करोड़ 96 लाख रुपए के ऋणमाफी प्रमाण पत्र जारी कर दिए हैं। इन शिविरों के माध्यम से 12 लाख 44 हजार 685 किसानों ने 3606.19 करोड़ रुपए के ऋणमाफी प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिए हैं।’

आगे उन्होंने बताया कि खरीफ सीज़न में लगातार फसली ऋण का वितरण किसानों को किया जा रहा है। अब तक 6 हजार 240 करोड़ रुपए का फसली ऋण किसानों को बांटा जा चुका है। किसानों को नया फसली ऋण वितरण तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में 15 अगस्त तक सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों में शिविरों का आयोजन कर ऋणमाफी प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे। इस मौके पर प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि किसान द्वारा मूल ऋणमाफी के बाद शेष बकाया राशि जमा कराने पर एवं ऋण के लिए आवेदन करने पर पूर्व में जितना ऋण स्वीकृत था, उतना ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

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