कांग्रेस की ओर से राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को जारी सूची में पांच मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए। इन्हीं में से एक हैं बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा।  विधायक बैरवा को गहलोत सरकार में अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। अब टिकट कटने के बाद उन्होंने आयोग से इस्तीफा दे दिया है। टिकट कटने से बैरवा सीएम अशोक गहलोत से नाराज हैं। इसलिए उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की चिट्ठी भी सरकार की बजाय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखी है।

बैरवा ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि राज्य के कांग्रेस नेता एससी वर्ग के लोगों की आवाज को दबाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने सरकार से बार-बार आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग की है। ताकि पीड़ितों को पारदर्शी तरीके से न्याय मिल सके। लेकिन आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया।

खिलाड़ी लाल बैरवा कभी सीएम अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक थे। सियासी उथल-पुथल में भी वह गहलोत के साथ रहे। लेकिन बाद में कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। इससे नाराज होकर वह पायलट के खेमे में चले गये। वह लगातार सीएम गहलोत पर हमलावर थे, ऐसे में माना जा रहा था कि उनका टिकट कट जाएगा।

राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा का कहना है कि मैं इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मैं मांगता रहा लेकिन सीएम ने एससी आयोग को वैधानिक दर्जा नहीं दिया। मैं आलाकमान से निवेदन करना चाहता हूं कि अगर सरकार बनती है तो ये गारंटी जोड़ी जाए। विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलना कोई नई बात नहीं है, शायद ये सच बोलने का तोहफा है। हम भी उन लोगों में से थे जो वफादार थे। मैं सचिन पायलट का समर्थन करता हूं, वह युवा और सक्षम हैं।