बारां जिले के भंवरगढ़ से नाहरगढ़ मार्ग पर रोडवेज बस के टूटे फर्श से 4 साल की बच्ची चलती बस से गिरी। बच्ची के गिरते ही उसकी मां ने शोर मचा दिया, जिससे हड़कंप मच गया।

तुरंत बस रुकवाई और बच्ची को संभाला। पहले उसे केलवाड़ा अस्पताल ले गए। वहां से बारां रैफर कर दिया गया है। जहां उसका इलाज जारी है। बारां रोडवेज प्रबंधक का कहना है कि सड़क पर ब्रेकर आने से बस का फर्श टूटा, यह पहले से नहीं टूटा था।

हरिपुरा निवासी ममता बाई ने बताया कि वह अपने पति और परिवार के साथ मजदूरी करने के लिए मध्य प्रदेश के बैराड़ गई थी। वहां वह पत्थर तोड़ने का काम करता थी। दिवाली के त्योहार पर मंगलवार को घर लौट रहे थे। इस दौरान उनके पति रमेश ओढ़, बेटी चंदा और बेटा हिम्मत भंवरगढ़ आए हुए थे। वहां से वह अपने मायके परानिया जाने के लिए बारां-नाहरगढ़ बस में सवार हुए। बस में जिस सीट पर वह बैठी थी उसके नीचे का फर्श टूटा हुआ था। जिस पर एक बोरा रखा हुआ था। ऐसे में फर्श टूटा होने का पता ही नहीं चला।

महिला ने बताया कि उसकी चार साल की बेटी चंदा वहां आकर खड़ी हो गई। भंवरगढ़ से कुछ आगे चंदा अचानक बस के टूटे फर्श से गिरकर सड़क पर गिर गई। जैसे ही बच्ची गिरी तो मैंने शोर मचा दिया और बस रोककर बच्ची को संभाला।

राहगीरों की मदद से परिजन घायल बालिका को केलवाड़ा अस्पताल ले गए। वहां गंभीर हालत के चलते उसे बारां रैफर कर दिया गया। जहां उसका इलाज जारी है। लड़की के परिवार वालों का कहना है कि जब वे बस में चढ़े तो बस कंडक्टर ने उनसे पैसे ले लिए थे। लेकिन उन्हें टिकट तक नहीं दिया गया। ऐसे में लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की जाए और बच्ची के समुचित इलाज के लिए मदद दी जाए।

घटना के संबंध में बारां रोडवेज के प्रबंधक प्रतीक मीना ने बताया कि दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद मैंने बस चालक और परिचालक से इसकी जानकारी ली। उन्होंने मुझे बताया कि पीड़िता भंवरगढ़ से यात्रा कर रही थी। बस वहां से महज सौ मीटर ही आगे बढ़ी थी कि सड़क पर ब्रेकर के धक्के से फर्श टूट गया और यह हादसा हो गया। फर्श पहले से टूटा नहीं था।