आगामी लोकसभा चुनाव में अभी करीब 3 माह का समय बाकी है। लिहाजा, चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियां में पूरी जी-जान से जुटी हुई है। हालिया विधानसभा चुनाव से पहले देश के लगभग 70 प्रतिशत राज्यों में शासित बीजेपी को तीन राज्यों में सत्ता परिवर्तन का सामना करना पड़ा। लेकिन अब आगामी आम चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से तैयार है। तीन राज्यों में हार के बाद पार्टी ने आगामी चुनावों को लेकर अपनी रणनीति में कई अहम बदलाव किए हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद आम चुनाव की तैयारियों में लगी बीजेपी इस बार प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से कई पर अपने प्रत्याशी बदल सकती है। पार्टी मज़बूत और जिताऊ प्रत्याशी ही मैदान में उतारना चाहती है। इसके लिए पार्टी में रात-दिन गहन मंथन किया जा रहा है।
जयपुर शहर से पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी या राजकुमारी दीया कुमारी पर पार्टी लगा सकती है दांव
विधानसभा चुनाव में हार झेलने के बाद पार्टी अब आगामी लोकसभा चुनाव में कई पुराने चेहरों पर दांव खेलना नहीं चाहती है। इसलिए कई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के बदलाव की पूरी संभावना है। इन सीटों में जयपुर शहर समेत अजमेर, कोटा-बूंदी, टोंक-सवाई माधोपुर, राजसमंद, बाड़मेर और जालोर-सिरोही भी शामिल हैं। जयपुर शहर लोकसभा सीट पर बीजेपी इस बार पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी या महिला उम्मीदवार के रूप में सुमन शर्मा को मैदान में उतार सकती है। वहीं पिछली राजे सरकार में सवाई माधोपुर से विधायक रही राजकुमारी दीया कुमारी को भी जयपुर शहर सीट से इस बार दावेदार माना जा रहा है। अजमेर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में हार का सामना करने वाली बीजेपी इस बार यहां भी नए चेहरे को मौका दे सकती है। अजमेर सीट पर पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी को प्रबल दावेदार माना जारहा है। पूर्व जिला प्रमुख सरिता गैना और बीजेपी नेता बीपी सारस्वत भी यहां से बराबर दावेदारी जता रहे हैं।
राजसमंद और बाड़मेर लोकसभा सीट पर इनका नाम चल रहा है आगे
लगभग हर जिले से एक से ज्यादा दावेदार सामने आ रहे हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए एक नाम का चयन करना थोड़ा परेशानी भरा होगा। राजसमंद सीट पर दो दावेदारों के नाम प्रमुखता से उभरकर सामने आए हैं। इनमें इन्द्र सिंह बागावास और भंवर सिंह पलाड़ा का नाम शामिल हैं। बाड़मेर सीट पर आईपीएस अफसर महेन्द्र सिंह चौधरी को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। किसान मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व विधायक कैलाश चौधरी भी यहां से लगातार दावेदारी जता रहे हैं। जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर दो धर्म गुरुओं का नाम आगे आया है। यहां से पूर्व मंत्री और देवासी समुदाय के धर्म गुरु ओटाराम देवासी को मज़बूत दावेदार माना जा रहा है। देवासी के साथ ही जैसलमेर की पोकरण विधानसभा सीट से हाल ही में एमएलए का चुनाव हार चुके महंत प्रतापपुरी भी टिकट के लिए अपनी कोशिश में लगे हुए हैं। बता दें, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राजस्थान की सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। प्रदेश से कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था। बीजेपी के लिए यह प्रदर्शन दोहराना इस बार आसान नहीं होगा। लेकिन राज्य में इस बार भी पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पर हावी रहेगी।