कोटा। रामनवमी के अवसर पर राजस्थान के कोटा में एक दर्दनाक हादसा हुआ। गुरुवार को निकल रहे जुलूस के दौरान करंट लगने से 3 लोगों की मौत हो गई। और 4 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। यह हादसा सुल्तानपुर कस्बे के कोटडादीप गांव में हुआ। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त अखाड़े के युवक करतब दिखा रहे थे। उसी दौरान एक युवक का चक्र ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन पर जाकर अटक गया। इससे हर तरफ करंट फैल गया। मौके पर ही तीन युवकों की मौत हो गई, जबकि चार गंभीर रूप से झुलस गए। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद कोटा रैफर कर दिया गया।

हादसे के लिए जिम्मेदार कौन
जुलूस में करंट फैलने से हुई तीन मौतों को लेकर अब तक कई सवाल बने हुए हैं। हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि इस भीषण हादसे का जिम्मेदार बिजली विभाग है। अधिकारियों ने ऐसे किसी भी आरोप को खारिज कर दिया है। विभाग का कहना है कि एक्सीडेंट युवकों की लापरवाही के कारण हुआ है। हादसे में तार पर लटके युवक की जान बच गई, जबकि नीचे खड़े तीन युवकों की मौत हो गई थी।

वसुंधरा राजे ने हादसे पर जताया दुख
सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकांउट पर लिखा, कोटा के कोटड़ा दीप गांव में श्रीरामनवमी के जुलूस के दौरान हुए करंट हादसे में कई लोगों की मृत्यु एवं 4 जनों के घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर परिजनों को यह व्रजपात सहने की शक्ति एवं घायलों को स्वास्थ्य लाभ दें तथा राज्य सरकार परिजनों की हरसम्भव सहायता करें।

जुलूस के दौरान एक चक्र तारों में फंस गया
शहर के सुल्तानपुरा क्षेत्र में गुरुवार शाम हुए इस हादसे को लेकर बिजली विभाग ने कहा कि तारों की ऊंचाई सही थी और वे सही तरीके बंधे भी हुए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि जुलूस के दौरान एक चक्र बिजली के तारों में फंस गया। उसमें गांठ लग गई थी।

सात को लगा करंट, तीन की मौत
पहले लकड़ी के सहारे उसे उतारने की कोशिश की गई, लेकिन बाद में सात लोग पिरामिड बनाकर चक्र को उतारने लगे। इस दौरान युवक का हाथ तार पर लग गया। सातों लोग करंट से झुलस गए। पिरामिड मे नीचे मौजूद तीन लोगों की मौत हो गई।

रामनवमी जुलूस में दिखा रहे थे करतब
बताया जा रहा है कि शोभायात्रा में अखाड़े के करतब के दौरान एक युवक का हाथ 11 केवी हाईटेंशन लाइन के तार को छूने से करंट फैला था। मौके के पर मौजूद लोगों ने डंडों और पानी से युवकों को बचाने का प्रयास किया। लेकिन करंट इतना जोरदार था कि कई लोग मौके पर अचेत हो गए और जुलूस में अफरा-तफरी मच गई।

पीड़ितों को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग
घटना के बाद देर रात कलेक्टर ओपी बुनकर व ग्रामीण एसपी कावेंद्र सिंह सागर मौके पर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों ने बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने मृतकों और घायलों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग भी की।

तीनों मृतक इकलौटे बेटे
हादसे में बडौद निवासी महेंद्र यादव (44), अभिषेक नागर (22) व ललित प्रजापति (23) की मौत हो गई। तीनों के अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। जबकि झुलसी हालात में हिमांशु (20), राधेश्याम (23), अमित (19) और फलेंद्र (22) को कोटा के एमबीएस (महाराव भीमसिंह) अस्पताल में रैफर किया गया। इनमें हिमांशु ही पिरामिड में सबसे ऊपर था। तार उसी के हाथ पर लगा। उसके नीचे मौजूद राधेश्याम व अमित करीब 10 फीसदी से कम झुलसे हैं। पुलिस का कहना है कि इस घटना की जांच की जा रही है, उसकी के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।