जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हो रही है। प्रदेश में पिछले 4 साल से कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। पिछले जब से एक कांग्रेस सरकार बनी है तब से महिलाएं और मासूम बच्चियां सुरक्षित नहीं है। वहीं अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। इसके अलावा प्रशासनिक कार्य में भी कांग्रेस सरकार फेल हो गई। प्रदेश में पिछले सालों से नई भर्तियां और नौकरियां अटक जाने से लाखों युवा बेरोजगार है। सरकारी भर्तियों को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने कोर्ट में मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा ऐसा लग रहा है कि सरकार नौकरियां देना ही नहीं चाहती। इसलिए ऐसे ही त्रुटिपूर्ण विज्ञापन निकाल रही है।

80 हजार भर्तियां तो अटकी है
जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने कहा कि ऐसे त्रुटिपूर्ण विज्ञापन निकाले जाते हैं, जिससे भर्तियां कोर्ट में अटक जाए। जस्टिस सिंह ने कहा कि सरकार 1 लाख नौकरियां देने का दावा करती है, लेकिन 80 हजार भर्तियां तो अदालतों में अटकी हुई है। हाईकोर्ट बुधवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती से जुड़ी प्रदीप शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें कोर्ट के सामने आया कि भर्ती में चिकित्सा विभाग ने नियमों की अनदेखी की है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों पर रोक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में 200 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती की घोषणा की थी। उसके बाद चिकित्सा विभाग ने भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया। लेकिन विज्ञापन में केवल शैक्षणिक योग्यता की शर्त ही लगाई गई। प्रशिक्षण की शर्त को इसमें से हटा दिया गया। इसे प्रदीप शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। उसके बाद कोर्ट ने भर्ती पर अंतरिम रोक लगा दी।

एक दर्जन से ज्यादा भर्तियां कोर्ट में
आपको बता दें कि इस समय राजस्थान हाईकोर्ट में अलग-अलग कारणों से दर्जनभर से ज्यादा भर्तियां को चुनौती दी जा चुकी है। इनमें हाल ही में सम्पन्न हुई एपीआरओ भर्ती-2021, रीट भर्ती-2021, ग्राम विकास अधिकारी भर्ती 2021, पटवारी भर्ती 2021 सहित कई ऐसी भर्तियां शामिल हैं। विज्ञापन की शर्तों और विवादित प्रश्नों सहित अन्य कारणों से इन भर्तियों को चुनौती दी गई है। इनकी सुनवाई हाईकोर्ट में अलग-अलग बैंच कर रही है।