जयपुर। अशोक गहलोत के पास ना कोई एजेंड़ा है ना ही कोई रणनीति। राजस्थान में जब से कांग्रेस पार्टी की सरकार आईं तब पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की योजनाओं का नाम बदलकर अपना नाम दे रही है। हाल ही में अशोक गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे राज की एक और योजना का नाम और स्वरूप बदल दिया है। उसके बाद कांग्रेस और बीजेपी में एक बार फिर बयानबाजी दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस सरकार ने बीजेपी राज की ‘अन्नपूर्णा रसोई योजना’ का नाम बदलकर अब उसे ‘इंदिरा रसोई योजना’ के नाम से बदले स्वरूप में चलाने का फैसला किया। अन्नपूर्णा रसोई योजना का नाम बदलने को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।

नाम बदलने में माहिर कांग्रेस सरकार
सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत पर हमला बोला है। राजे ने अपने ऑफिशियल​ ट्विटर पर लिखा, ‘हमारी राजस्थान बीजेपी सरकार की योजनाओं का नाम बदलने में माहिर कांग्रेस सरकार ने ‘अन्नपूर्णा रसोई’ का नाम बदलकर ‘इंदिरा रसोई योजना’ कर दिया है।’ इसके बाद उन्होंने एक ओर एक और ट्वीट में लिखा, नाम बदल कर ही सही, आखिर जनता की मांग पर हमारी अन्नपूर्णा रसोई योजना को शुरू करना ही पड़ा। नाम नहीं अपने आप को भी बदलो सरकार। नहीं तो जनता सब कुछ बदल डालेगी।’

वसुंधरा सरकार ने प्रदेश के 200 शहरों में शुरू की थी अन्नपूर्णा वैन
पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में शहरों में जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू की गई थी। अन्नपूर्णा वैन के जरिए जरूरतमंदों को आठ रुपए में भोजन उपलब्ध करवाया जाता था। प्रदेश के 200 शहरों में अन्नपूर्णा वैन शुरू की गई थी। इस योजना का काम एनजीओ को दिया गया था। अब अन्नपूर्णा रसोई की जगह कांग्रेस सरकार इंदिरा रसोई योजना शुरू करने जा रही है।

प्रतिवर्ष 100 करोड़ रूपये खर्च करेगी
कांग्रेस सरकार ने अब अब शहरों में गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा रसोई योजना शुरू करने की घोषणा की है। योजना के तहत जरुरतमंदों को सस्ती दर दो समय का भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को कोरोना जागरुकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग के मौके पर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के लिए इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत की घोषणा की। राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रूपये खर्च करेगी। संचालन में स्थानीय एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। आईटी की सहायता से इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी।