जयपुर। साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव है। इस लिहाज के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विधेयक पर चर्चा के बाद घोषणाओं का अंबार लगा दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक साथ 19 नए जिलों और 3 तीन संभाग मुख्यालयों का ऐलान करके सबको चौंका दिया है। राजस्थान में नवगठित 19 जिलों के बाद अब राज्य में 50 जिले हो गए हैं। राज्य में नए बने 19 जिलों में से 15 का सीमांकन का काम लगभग पूरा हो चुका है। इन जिलों से सीमांकन रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। राजस्व विभाग की 30 जून तक अधिसूचना जारी करने की तैयारी है।

जयपुर और जोधपुर के टुकड़े करने का विरोध तेज
अधिसूचना जारी होने के साथ ही नए जिले अस्तित्व में आ जाएंगे। वहीं विरोध के चलते जयपुर जोधपुर के दो टुकड़े करने का फैसला वापस लेने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। सरकार ने 15 जिलों में ओएसडी लगाए थे। जिलों के ओएसडी ने सीमांकन करके सरकार को रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट के आधार पर राजस्व विभाग नए जिलों की अधिसूचना जारी करेगा।

जानिए नए जिलों में कौनसी तहसीलें होंगी शामिल

शाहपुरा (भीलवाड़ा) : कलेक्टर की रिपोर्ट के हिसाब से शाहपुरा जिला भीलवाड़ा से बड़ा हो सकता है। इसमें शाहपुरा, हुरडा, फूलियाकलां, जहाजपुर, कोटड़ी, बनेड़ा तहसील सहित मांडलगढ़, बिजीलिया शामिल भीलवाड़ा में आसींद, करेड़ा, भीलवाड़ा, मांडल, रायपुर, सहाड़ा, हमीरगढ़ तहसील रहेगी। बदनौर अब ब्यावर में जाने की संभावना है।

केकड़ी : टोंक की देवली, मालपुरा, टोडा रायसिंह, भीलवाड़ा की जहाजपुर, अजमेर की अराई, बांदनवाड़ा, बिजयनगर, नसीराबाद, भिनाय तहसील के गांव।

फलौदी : जोधपुर से फलौदी, लोहावट, बाप, देवू, बापिणी, सेतरावा, घंटियाली, आऊ, जैसलमेर से नाचना व नोख उप तहसील ओसियां से आगे का हिस्सा।

डीडवाना कुचामन : ओएसडी सीताराम जाट ने बताया- मकराना, परबतसर, लाडनूं, डीडवाना, नावां विधानसभा का क्षेत्र शामिल होगा। नागौर का आधा क्षेत्र नए जिले में।

खैरथल : ओएसडी डॉ. ओपी बैरवा के अनुसार कोटकासिम, तिजारा, खैरथल, किशनगढ़बास, टपूकड़ा, हरसोली व मुंडावर तहसील क्षेत्र शामिल होंगे।

ब्यावर : अजमेर जिले से मसूदा, बिजयनगर व टॉडगढ़, राजसमंद से भीम, पाली जिले से रायपुर व जैतारण तहसीलें जुड़ेंगी।

बालोतरा : बाड़मेर से पचपदरा, कल्याणपुर, सिवाना, समदड़ी, सिणधरी, गिड़ा, बायतु तहसील का आधा हिस्सा। बालोतरा, कल्याणपुर, समदड़ी, सिवाना, सिणधरी, पायला, गिड़ा, बायतु व पाटोदी पंसद ले सकते हैं। बाटाडू बायतू के 17 गांव बाड़मेर में रहेंगे।

डीग : ओएसडी का कहना है कि पहले की रिपोर्ट में 8 तहसील क्षेत्र कुम्हेर, डीग, कामा, पहाड़ी, नगर, सीकरी, जनूधर, रारह शामिल हैं। अभी सीमांकन बाकी है।

दूदू : फागी, मौजमाबाद, माधोराजपुरा जोबनेर, फुलेरा, नरैना, सांभरलेक, अजमेर से रूपनगढ़ व अराई, टोंक जिले से मालपुरा को शामिल कर सकते हैं।

नीमकाथाना : झुंझुनूं से खेतड़ी उपखंड का क्षेत्र, उदयपुरवाटी तहसील के 19 पटवार मंडल | शेष गुढ़ागौड़जी तहसील का संपूर्ण क्षेत्र और ये चार पटवार मंडल झुंझुनू में।

सांचौर : जालोर से चितलवाना, सांचौर, रानीवाड़ा। आधा हिस्सा गुड़ामालानी, बागोड़ा, सेड़वा, धोरीमन्ना का ओएसडी पूजा पार्थ ने कहा, फैसला सरकार करेगी

गंगापुरसटी : सवाई माधोपुर जिले से बामनवास, वजीरपुर और करौली जिले से नादौती, टोडाभीम तहसील क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है।

कोटपूतली-बहरोड़ : ओएसडी शुभम चौधरी ने सीमांकन से इनकार किया है। हालांकि माना जा रहा है कि 7 उपखंड क्षेत्र कोटपूतली, बहरोड़, विराटनगर, बानसूर, पावटा, नारायणपुर और नीमराणा, चार विधानसभा क्षेत्र कोटपूतली, बहरोड़, बानसूर शामिल किए जा सकते हैं।

अनूपगढ़ : श्रीगंगानगर जिले से अनूपगढ़, घड़साना और श्रीविजयनगर, रावला, बीकानेर जिले से खाजूवाला उत्तरगढ़ तहसील व छत्तरगढ़ क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है। श्रीगंगानगर के रायसिंहनगर तहसील क्षेत्र को शामिल करने पर भी विचार किया जा सकता जिले लगाई गई विशेषाधिकारी कल्पना अग्रवाल का कहना है कि सीमांकन का फैसला सरकार ही करेगी।

सलूंबर : ओएसडी प्रताप सिंह बोले- सीमांकन का काम सरकार के अधिकार में है। मांगे-आपत्तियां लेकर सरकार को भेजी हैं।

सरकार के मंत्रियों को मिले ये जिले
जयपुर और जोधपुर शहर को अलग-अलग जिलों में बांट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास लालचंद कटारिया को खुश कर दिया। साथ ही कोटपूतली को जिला बनाने की मांग करते हुए मंत्री राजेन्द्र यादव ने पिछले साल इस्तीफे की धमकी दी थी। कोटपूतली बहरोड़ को संयुक्त रूप से जिला बनाने की घोषणा कर दी गई। पायलट गुट से निकल कर गहलोत गुट में शामिल होने वाले मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को खुश करते हुए गहलोत ने डीग को जिला बनाने का ऐलान किया। इसी तरह जालोर के सांचौर को जिला बनाने की मांग पिछले दिनों मंत्री सुखराम बिश्नोई ने की थी।