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टाइम्स नाउ की प्रबंध संपादक नाविका कुमार के साथ मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे।
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टाइम्स नाउ की प्रबंध संपादक नाविका कुमार के साथ मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे।

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे  ने टाइम्स नाउ की प्रबंध संपादक नाविका कुमार के साथ एक खास बातचीत की जिसमे उन्होंने राजस्थान के विकास, प्रगत्ति और समृद्धि के बारे में तो चर्चा की साथ ही उन्होंने आने वाले चुनावों में अपनी जीत का एलान भी खुलकर किया। आइये नज़र डालते हैं नाविका कुमार से हुई बातचीत के प्रमुख बिंदुओं पर।

1. मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश में सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के बारे में पूछने पर जबाव दिया कि मैं चुनाव जीतने के बाद से ही जनता के बीच जा-जाकर काम कर रही हूँ। हमने पहले सरकार आपके द्वार फिर न्याय आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जहाँ मैंने खुद लोगों के पास जाकर उनकी समस्याओं का निवारण किया। उसके बाद विभिन्न योजनाओं के जरिये मैं और मेरी सरकार लगातार जनता के साथ संपर्क में बनी रही। और उसके बाद पिछले छः महीनों से स्वयं दौरे कर रही हूँ। इस बीच जनता का प्यार और आशीर्वाद लगातार मिलता रहा है। ऐसे में सत्ता विरोधी लहर की बात पूर्ण रूप से गलत है। बल्कि इस बार तो हम पुनः चुनाव जीतकर राजस्थान की परंपरा को बदलने वाले हैं।

2. एक महिला होने के बावजूद अच्छी तरह से राजस्थान बागडोर संभाली है। क्या कभी कोई परेशानी आयी ? इसके जवाब में वसुंधरा राजे ने कहा कि एक महिला होने के नाते मर्यादाओं से आगे बढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक मर्द अपने घर पर तौलिये और लुंगी में भी कार्यकर्ताओं की मीटिंग ले सकता है लेकिन एक औरत ऐसा चाहकर भी नहीं कर सकती। और राजस्थान की बहु होने के नाते मैं पुरानी सोच को तो बदल सकती हूँ पर संस्कारों को पीछे नहीं छोड़ सकती। हमने 12-14 घंटे काम किया है। और कड़ी मेहनत के दम पर ही आज राजस्थान को इस स्तर तक समृद्ध बना पाए हैं।

3. हर बार ये सवाल पूछा जाता है कि आलाकमान और वसुंधरा राजे में आपस में नहीं बनती। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। क्योंकि ऐसा होता ततो हम पांच सालों में इतने विकास कार्य नहीं कर पाते। भारतीय जनता पार्टी एक परिवार है, और प्रत्येक कार्यकर्ता इसका सदस्य है। पूरे परिवार की तरह भाजपा का हर व्यक्ति एक दूसरे के साथ खड़ा है। और ये परिवार मोदी जी और अमित शाह के बिना अधूरा है।

4. लोग कहते हैं कि मैं बाहर से आयी हूँ यहाँ की नहीं हूँ। लेकिन मैं यही कहूँगी कि जब से मैं बियाह के आयी हूँ, तब से राजस्थान ही मेरा घर है। पूरा राजस्थान मेरा परिवार है। मैंने यहाँ की तीन पीढ़ियों को बढ़ते देखा है। मेरी उम्र के लोगों को। मेरे बच्चों की उम्र के लोगों को और मेरे पोते-पोतियों की उम्र के लोगों को और साबके साथ मेरा आत्मीय सम्बन्ध रहा है। लेकिन फिर भी मुझे बाहर की कहने वाले लोगों को शायद लगता है, कि इटली तो भारत का कोई एक जिला है। और वहां के लोग तो खानदानी भारतीय होंगे।

5. पार्टी में कभी कोई अनबन नहीं रही। कांग्रेस पार्टी हमेशा दो धड़ों में बटी हुई है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में लोकतंत्र रहा है। भाजपा के ज़मीन से जुड़े हुए कार्यकर्ता ही आगे बढ़कर बड़े नेता बनते हैं। जबकी कांग्रेस हमेशा पैराशूट वाले नेता मैदान में उतारती है। और जो कार्यकर्ता ज़मीनी स्तर पर मेहनत करते हैं उन्हें धोखा देते हैं।

6. जिस प्रकार से एक बहु किसी भी परिवार, समाज और प्रदेश की संस्कृति को आगे बढाती है, उसी प्रकार मैंने भी राजस्थान की संस्कृति को आगे बढ़ाया है। मैंने हर संभव प्रयास करके राजस्थान को आगे बढ़ाने में कोई कसार नहीं छोड़ी है। इसीलिए तो विपक्ष को मेरे कार्यों में कोई कमी नहीं दिखाई देती तो वो मुझे पराया बनाने में लगे हुए हैं। लेकिन ना तो मैं राजस्थान के लिए परायी हूँ और ना ही राजस्था मेरे लिए पराया है। मैं जीवन पर्यन्त राजस्थान और राजस्थान के लोगों की सेवा करती रहूंगी।

7. पहले 2013 विधानसभा चुनावों में 163 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार और फिर 2014 लोकसभा चुनावों में 25 की 25 सीटों पर कब्जा इसमें किसका योगदान ज्यादा रहा, इस पर वसुंधरा राजे ने कहा कि वो एक लहार थी। भाजपा की लहर। नरेंद्र मोदी की लहर। बदलाव की लहर। और उस लहर को चलाने में सब का बराबर योगदान रहा। मोदी जी एक प्रभावशाली नेता हैं, लेकिन पार्टी ने भी एक-एक सीट के लिए कड़ी मेहनत की। जिससे सम्पूर्ण राजस्थान में एक क्रांति की लहर आ गयी थी। और भाजपा केंद्र और राज्य दोनों जगह अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही। वसुंधरा राजे और नरेंद्र मोदी का अलग-अलग योगदान रहा लेकिन पार्टी की जीत का एक मंत्र बना।

8. आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजों पर लोकसभा चुनावों की जिम्मेदारी रहेगी। ऐसे में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में भी सत्ता विरोधी लहर से आप कैसे लड़ेंगी, इसके जवाब में वसुंधरा राजे ने कहा कि ऐसा सिर्फ विपक्ष वालों को लगता है की सत्ता विरोधी लहर है। क्योंकि वो ये तो कह रहे हैं कि सत्ता विरोधी लहर है, लेकिन क्यों है ये कोई नहीं बता पा रहा है। क्योंकि विपक्ष ने पिछले पांच सालों में कभी कोई मुद्दा उठाया ही नहीं तो उन्हें इस बात का इल्म ही नहीं है कि क्या-क्या काम राजस्थान में हो चुके हैं। इसलिए हम आने वाले चुनाव जीतने वाले हैं। चुनावों की तारीख तय होने के बाद से ही मैं ये कहती आ रही हूँ कि 7 दिसंबर को चुनाव होंगे और 11 दिसंबर को से साफ़ हो जायेगा कि भाजपा फिर से अपनी सरकार बना रही है। आप, लोगों के मन का पता ही नहीं लगा पा रहे हैं। लेकिन इस बार भाजपा इस मिथक को तोड़ने वाली है। राजस्थान में इस बार दूसरी बार लगातर भाजपा की सरकार बनने वाली है।

राजस्थान में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार 2003 में ह बनी इससे पहले या तो कांग्रेस की सरकार रह या गठबंधन की। लेकिन 2003 के बाद 2013 में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार पुनः बनी और अब 2018 में भी हमारी सरकार ही बनेगी। हमारे पास अच्छे प्रत्यासी हैं और जैसे ही उम्मीदवारों की सूचि आएगी हम ये भी बता देंगे की कितनी सीटों से हम चुनाव जीत रहे हैं। लोग हमारे साथ हैं और जनता का आशीर्वाद हम पर है। हमने रात दिन मेहनत करके ये मुकाम साहिल किया है। कांग्रेस को ये खुला चैलेंज है। क्योंकि उन्हें सिर्फ झूठी आलोचना करना आता है। उन्हें जनता के भले की बात करना ही नहीं आता। वो ना विकास की बात करते हैं, ना योजनाओं की और ना ही रणनीतियों की। अशोक गहलोत खुद पांच सालों में विधनसभा में आकर नहीं बैठे। सचिन पायलट विधानसभा में है नहीं। ऐसे में इन्हे क्या पता क्या काम होना बाकी है और क्या हो चूका।

9. राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि जिस पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष को स्वयं गांवों और कस्बों में जाकर सड़क पर प्रदर्शन करना पड़े तो समझ जाओ की उस पार्टी के लोग कितने पानी में हैं।

10. मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमारा एजेंडा साफ़ है। यहाँ मुख़्यमंत्री पद के लिए पार्टी ने चेहरा स्पष्ट है। लेकिन कांग्रेस में तो अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं है। ऐसे में ये तो कांग्रेस खुद तय करेगी, सचिन पायलट और गहलोत में से ज्यादा प्रभावशाली कौन है। हम तो सिर्फ यह तय कर सकते हैं की भाजपा से सभी लोगों ने “सबका साथ, सबका विकास” के उद्देश्य पर काम किया है। कांग्रेस तो ऐसे ऐसे मुद्दे उठती रहती है, जिनका फैसला कब का हो चूका है। ललित मोदी मामला कितने समय पहले की निपट चूका है। उसकी पूरी तरह से जांच हो चुकी है। और अदालत फैसला भी सुना चुकी है। इससे अच्छा लोग अपने और मेरे काम की तुलना क्यों नहीं करते। मेरे कार्यकाल में जो काम हुआ और उनके कार्यकाल में जो काम हुआ। उन्होंने जो विकास राजस्थान में किया और मैंने जो विकास किया। उसकी बात करें।

वो क्यों नहीं बताते कि उन्होंने कितने युवाओं को प्रशिक्षित किया और कितने लोगों को रोजगार दिया। भाजपा सरकार ने पिछले पांच सालों में राजस्थान में लगभग 45 से 50 लाख लोगों को रोजगार दिया है। जिनमे 3 लासख सरकारी नौकरियां है। जबकि 12 लाख लोगों को निजी क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त हुआ है। सम्पूर्ण राजस्थान में 18 से 20 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार मेलों के द्वारा रोजगार प्राप्त हुआ। तथा 44 लाख लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन दिया गया। अगर हम आधे भी गिने तो 22 लाख लोगों को वहां से स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। जबकि कांग्रेस ने बेगारी बढ़ाने के सिवाय कुछ नहीं किया।

11. राम मंदिर के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि इस मुद्दे को सबसे ज्यादा तो मीडिया ही उछलता है। हम इस मामले को कभी राजनीति में नहीं घसीटते। मगर कुछ लोग ऐसा करते हैं। एक हिन्दू होने के नाते मैं एक कट्टर हिन्दू हो सकती हूँ, लेकिन मेरे लिए अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी उतना ही सम्मान है जितना हिन्दू धर्म के लोगों के लिए है। लेकिन हमारे लिए ये महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे लिए जरुरी है राज्य का किसान। जिसके दम पर पूरा राज्य चलता है। और हमने किसानो के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। किसानों को साल में 10 हज़ार रुपए तक की मुफ्त बिजली की सुविधा। साथ ही सहकारिता विभाग के माध्यम से प्रदेश के 30 लाख किसानों का 10 हज़ार करोड़ रुपए मूल्य का 50 हज़ार रुपए तक का कर्ज माफ़ किया है। वहीँ दूसरी ओर मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की वजह से ही राजस्थान जल संरक्षण में पूरे देश में नंबर वन बना है।

12. राजस्थान में हुयी हिंसक घटनाओं पर, गाय वाले मुद्दे और बढती अराजकता पर राजे ने कहा कि राजस्थान हमेशा से ही एक शांतिप्रिय प्रदेश रहा है। जहाँ किसी भी किसी प्रकार की कोई अशांति या अराजकता नहीं रही है। और अगर कोई ऐसा करता है तो हमारे कानून में उसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। लेकिन साथ ही हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि किसी की लाठी को तो रोका जा सकता है मगर किसी की जुबान को नहीं रोका जा सकता। ऐसे में कोई कुछ भी बोल तो सकता है, मगर प्रदेश में कुछ गलत कर नहीं सकता। ये सिर्फ गायों और इंसानों की बात नहीं है। जिन्होंने गायों के नाम पर भीड़ हिंसा की उन्होंने कानून के साथ खिलवाड़ किया और सरकार ने उन्हें सजा भी दी है। आज वो लोग जेल में हैं।

प्रदेश में कहीं कोई अराजकता नहीं है। राजस्थान में राजपूत हमेशा से ही बीजेपी के साथ रहे हैं और आगे भी रहेंगे। क्योंकिहमने सबके लिए विकास की किये हैं। किसी जाती विशेष के लिए नहीं। जब मैं पहली बार राजस्थान आयी थी तब भी यही समस्याएं थी लेकिन उन समस्याओं से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता। मेरा काम है सबको प्यार और सद्भावना के साथ रखना। मैंने मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश में हमेशा शांति बनाये रखी है।

13. उप-चुनावों में मिली हार पर कहा कि उप-चुनाव पूर्ण रूप से व्यक्ति विशेष के लिए लड़े जाते हैं। जबकि मुख्य चुनाव पूरी पार्टी के लिए। ऐसे में कहीं ना कहीं कोई तो कमी रह जाती है। फिर चाहे वो राज्य सरकार हो या फिर केंद्र सरकार। इसलिए मुझे लगता है कि उप-चुनावो का कोई खास असर पड़ने वाला है। क्योंकि जनता के सामने हमारा काम है, ना की पिछली सरकारों की तरह सिर्फ नाकामियां।

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