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Unique ID number of arms licenses will be before 1 April.

हथियार लाइसेंसधारकों को एक अप्रैल से पहले यूनिक आइडेन्टिफिकेशन नंबर लेना होगा। इसके बिना हथियार लाइसेंस अवैध माना जाएगा। इस अनिवार्यता के चलते जयपुर जिला प्रशासन ने आर्म्स लाइसेंसधारकों को यूनिक आईडी जारी करने की अवधि 11 दिन बढ़ा दी है। अब यह अवधि अब 31 मार्च कर दी गई है। लाइसेंसधारकों की सुविधा के लिए यह तिथि बढ़ाई गई है। पहले इसके लिए तय तिथि 20 मार्च थी। अब तिथि बढ़ जाने से लाइसेंसधारकों को 11 दिन का अतिरिक्त समय मिल जाएगा। राष्ट्रीय आंकड़ा कोष परियोजना के तहत गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आदेशानुसार यूनिक आइडेन्टिफिकेशन नम्बर के बिना किसी भी आयुध लाइसेंस को एक अप्रैल 2018 से वैध नहीं माना जाएगा।

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File-Image: एक अप्रैल से पहले लेना होगा हथियार लाइसेंसधारकों को यूनिक आईडी नंबर.

प्रदेश में अब भी 5 हजार से ज्यादा हथियारों को जारी नहीं हुए हैं यूआईडी नम्बर

इस संबंध में जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट द्वारा संबंधित आयुध लाइसेंसधारकों को नोटिस जारी कर यूनिक आईडी 31 मार्च तक लेने की सूचना दी है। जयपुर जिला कलक्टर सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि जयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्राधिकार के ऐसे लाइसेंसधारक, जिन्होंने अभी तक यूनिक आईडी नम्बर प्राप्त नहीं किए हैं, वे एनडीएएल के प्रत्येक कॉलम की पूर्ति कर उसे अपने क्षेत्र से संबंधित थानाधिकारी से सत्यापित करवाकर उसे 31 मार्च से पहले जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय, जयपुर की न्याय शाखा में प्रस्तुत करें। बता दें, अब भी प्रदेश में 5597 हथियार ऐसे हैं, जिनके यूआईडी नम्बर जारी नहीं हो पाए हैं। अगर 31 मार्च से पहले इन लाइसेंस धारकों ने यूआईडी नम्बरों के लिए आवेदन नहीं किया तो एक अप्रैल के बाद न तो वे हथियार रख सकेंगे और न ही उसका उपयोग कर पाएंगे।

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गृह मंत्रालय ने करीब दो माह पहले अनिवार्य किया यूनिक आईडी नंबर

बता दें, हथियार लाइसेंस धारकों के लिए गृह मंत्रालय ने यूनिक आईडी नंबर लेना करीब दो माह पहले अनिवार्य किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लाइसेंसी हथियारों के लिए 18 अंकों का यूनिक आईडी सॉफ्टवेयर तैयार किया है। आधार की तर्ज पर इस नंबर के लिए लाइसेंसियों की फीडिंग की जा रही है। अपलोडिंग की तिथि 31 मार्च है। उक्त अवधि तक शस्त्र अनुज्ञापत्रों के आंकड़े अपलोड नहीं कराने व यूआईडी जारी नहीं होने पर शस्त्र अनुज्ञापत्र स्वत: निरस्त हो जाएंगे। रिवाल्वर के आवेदन की पेंडेंसी भी ऑनलाइन पता चल सकेगी। यूनिक आईडी से फर्जी लाइसेंस आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। लाइसेंसी कहीं पर भी ट्रांसफर होता है तो वहां एंट्री आसान होगी।