जयपुर। प्रदेश में आरक्षण को लेकर घमासान फिर तेज होता दिख रहा है। एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर कांग्रेस की ओर से आयोजित किए गए धरने में पार्टी के नेताओं ने कहा कि आरक्षण को किसी भी हालत में खत्म नहीं होने देंगे। पिछले दिनों से प्रताप सिंह के खिलाफ ​ट्विटर पर आरक्षण को लेकर कई प्रकार के रिएक्शन आ रहे है। इसके देखते हुए उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने सफाई दी है कि वे आरक्षण विरोधी नहीं है।

वीडियो शेयर की दी सफाई
प्रताप सिंह ने लिखा, ‘आज ट्वीट हुआ जिसमें कहा जा रहा है कि प्रताप सिंह खाचरियावास आरक्षण विरोधी है, तो उन सब लोगों को ये बात पता होनी चाहिए कि जयपुर मैं SC-ST धरने का संचालन व आयोजन मेरे द्वारा ही किया गया था,आरक्षण विरोधी केंद्र सरकार का विरोध में शुरु से ही कर रहा हूँ ओर करता रहूंगा।’ वीडियो में वे बता रहे है कि यह जानकर मुझे बड़ा दुख हुआ कि मेरे छोटे भाई और साथी मुझे आरक्षण विरोधी बता रहे है। केंद्र सरकार आरक्षण को लेकर एससी एसटी के लोगों के साथ धोखा कर रही है। आरक्षण को लेकर जयपुर को जो धरना आयोजित हुआ इसका संचालन भी मैंने किया हैं यदि मंच पर मेरे साथी मुरारीलाल के साथ कुछ बात हुई हो ऐसी बातों तो हम मीडिया में करते रहते है। मैं सभी को बताना चाहता है कि मैं आ​रक्षण विरोधी नहीं हूं।

धरने पर विधायक मुरारी लाल ने कही थी ये बात
आपको बता दें कि धरने के दौरान एक अजीब स्थिति पैदा हो गई जब परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। मंच पर पीछे बैठे दौसा से विधायक मुरारीलाल बोले, कुछ आरक्षण पर भी बोलें। सिंह ने कहा कि यह धरना ही उसी पर है। आप तय करोगे क्या? बैठ जाओ। मंच पर दो नेताओं के बीच विवाद के दौरान मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी भी मौजूद थे। दरअसल, मुरारीलाल मंच से लोगों को संबोधित करना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं करने दिया गया। इसी से वह नाराज थे। सिंह जब प्रदेश सरकार की एक साल की उपलब्धियां गिना रहे थे तो मुरारीलाल उखड़ गए और मंत्री से आरक्षण पर बोलने के लिए कहा था।

मुद्दा मूल भावना का : सीएम गहलोत
धरने को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि धरने में 36 कौम के लोग शामिल हैं। यह मुद्दा एससी-एसटी का नहीं, संविधान की मूल भावना का है, जिसकी केंद्र सरकार धज्जियां उड़ा रही है। वे राष्ट्रवाद के नाम पर विघटन पैदा करना चाहते हैं। भाजपा का राष्ट्रवाद छद्म है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि यह धरना केंद्र की भाजपा सरकार को सचेत करने के लिए है। कोई भी विचारधारा या ताकत देश के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों को खत्म नहीं कर सकती। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने आरक्षण का प्रावधान इसलिए किया ताकि दलितों व पिछड़ों को मुख्यधारा से जोडकऱ उनके जीवन स्तर को सुधारा जा सके।