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विगत कुछ वर्षों से अपनी उन्नत और बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्स्कीय सेवाओं से देशभर में अपनी पहचान बना चुके राजस्थान की सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में मातृ मृत्युदर व शिशु मृत्युदर को कम करने के पूरे प्रयास किये जा रहे है। इस दर को लगभग शून्य पर लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में प्रदेश में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले डवलपमेंट पार्टनर्स का भी सक्रिय सहयोग सरकार को मिल रहा है। मंत्री सराफ ने आज मंगलवार राजस्थान स्वास्थ्य भवन में हो रहे एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में सरकार की ओर से तीन विभिन्न स्वास्थ्य हितकारी परियोजनाओं के एमओयू पर हस्ताक्षर किये।

इनमें ”आसमान” परियोजना के तहत स्वास्थ्य विभाग का रिलायन्स फाउन्डेशन, टाटा ट्रस्ट व यूएसएड के मध्य एमओयू हस्ताक्षर किया गया।

दूसरा ”नवकिरण” परियोजना के तहत केयर्न एनर्जी के साथ एमओयू साइन हुआ।

तीसरा ”परिवार कल्याण” की कार्ययोजना के लिए एनजेन्डर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये।

प्रसव पूर्व व पश्चात प्रसव सेवाओं को प्रभावी बनाया जायेगा:

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि आसमान परियोजना द्वारा प्रदेश में मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के सरकारी प्रयासों को मज़बूती मिलेगी। इस परियोजना में तकनीकी सहयोग के लिए टाटा ट्रस्ट, रिलायन्स फाउण्डेशन तथा यूएसएड के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत् कार्यवाही होगी।

आसमान परियोजना के तहत राज्य के अजमेर, भीलवाडा, कोटा तथा झालावाड जिलों में सीएचसी व पीएचसी स्तर तक उन चिकित्सा संस्थानों में जहाँ प्रतिदिन अनेकों प्रसव के केस पर कार्य होता है, वहां सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षित प्रसव सेवाएं सुनिश्चित की जायेंगी। एमओयू में शामिल निजी संस्थानों का तकनीकी सहयेाग लेकर इन केन्द्रों पर कार्य करने वाले चिकित्सकों तथा नर्सिंगकर्मियों के तकनीकी कौशल में बढ़ोतरी की जाएगी जिससे प्रसव के पहले व बाद में गर्भवती महिला व नवजात को प्रभावी प्रसव चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करायी जा सकेगी।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए निजी संस्थाओं द्वारा खर्ची जाएगी 70 करोड़ रुपये की राशि:

आसमान परियोजना द्वारा प्रदेश के स्वास्थ्य केन्द्रों पर बेहतर इलाज़ के लिए चिकित्साकर्मियों को तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही इस योजना के द्वारा प्रसव को सुविधाजनक बनाने के लिए टेबलेट, डिजीटल रिकॉर्डिंग सिस्टम आदि भी उपलब्ध कराया जायेगा। आसमान परियोजना के अंतर्गत तीनों सहभागी संस्थाओं द्वारा मिलकर अगले तीन वर्षों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से संबंधित कार्यों में सुधार व विस्तार पर लगभग 70 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।

बाड़मेर में 24 घंटे स्त्री एवं शिशु रोग विशेषज्ञों की सेवाएं होगी उपलब्ध:

नवकिरण परियोजना के तहत सरकार के केयर्न फाउण्डेशन के साथ साइन हुए एमओयू के द्वारा प्रदेश के बाड़मेर जिले मेंं आपातकालीन प्रसव सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जायेगा। पश्चिमी राजस्थान के इस ज़िलें में केयर्न फाउण्डेशन के सहयोग से बायतु, सिन्दरी, धोरीमन्ना एवं बालोतरा कस्बों के स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ सहित निश्चेतन विशेषज्ञ की सेवाएं नियमित उपलब्ध कराई जाएगी। विशेषज्ञों की मौजूदगी से इन स्वास्थ्य केंद्रों पर आपातकालीन प्रसव सुविधाओं सहित सिजेरियन प्रसव की सुविधा भी शुरू हो पाएगी।

केयर्न फाउंडेशन द्वारा इन कार्यों पर अगले तीन वर्षों में लगभग 9 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जायेगी तथा अगले चरण में राज्य के अन्य जिलों में भी 25 और स्वस्थ्य केंद्रों पर यह सेवाएं उपलब्ध करवायी जायेंगी।

परिवार नियोजन सेवाओं का विस्तार किया जायेगा:

वर्ष 1988 से देश में परिवार नियोजन, प्रजनन एवं मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के साथ ही इनमें आवश्यक सुधार लाने के लिए कटिबद्ध होकर कार्य कर रही एनजेण्डर हैल्थ संस्था के सहयोग से परिवार कल्याण एवं नियोजन की कार्ययोजना पर सरकार के काम में सुधार एवं विस्तार लाया जायेगा। इस परियोजना के तहत् अगले 3 वर्ष में प्रदेश के 92 नव चयनित स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन सेवाओं को विकसित किया जायेगा।