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Chief Minister Raje condemned the Alwar mob lynching incident.
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मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे

राजस्थान सरकार आरएएस, आरपीएम और आरएसीएस में सलेक्शन ग्रेड पर प्रमोशन के लिए अनुभव में मिल रही शत प्रतिशत छूट को खत्म करने की तैयारी में है। इसके लिए वित्त नियम विभाग ने कार्मिक विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है। इसमें सीनियर से सलेक्शन स्केल में प्रमोशन के लिए कम से कम तीन साल के अनुभव को शामिल करने की बात कही गई है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है तो तीनों सेवाओं के करीब 150 से ज्यादा अधिकारियों पर इसका प्रभाव पड़ना निश्चित है। आरएएस सेवा में सीनियर से सलेक्शन स्केल में अनुभव की छूट पहले से थी। अब इसे आरपीएस व आरएएसएस सेवा में भी लागू करने की तैयारी हो रही है।

इससे पहले सीनियर से सलेक्शन में प्रमोशन के लिए 5 साल के अनुभव की जरूरत थी। इसके चलते 2010 बैच के अधिकारी 7 सालों में ही सीधे सलेक्शन स्केल पर पहुंच गए। सेवा में भर्ती होने पर दो साल का प्रोबेशन पूरा होने पर उन्हें सबसे पहले 5400 ग्रेड पे की जूनियर स्केल मिली है। इसके बाद सीनियर स्केल के लिए 5 साल का अनुभव चाहिए। सीनियर स्केल में यह ग्रेड 1200 बढ़कर 6600 हो जाती है लेकिन सीनियर स्केल से 7600 की सलेक्शन स्केल में पहुंचने के लिए कोई अनुभव अनिवार्य नहीं है।

इनका कहना है कि…
वित्त विभाग का मानना है कि बिना अनुभव के सलेक्शन सकेल में आने से सरकार की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इसलिए इसमें तीन साल का अनुभव जोड़ने की सिफारिश की गई है। इसके लिए नियामेां में संशोधन कार्मिक विभाग को करना है।

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