news of rajasthan
Rajasthan: Integrated Malnutrition Management Program Nutrition-2 launched for 20 districts.

प्रदेश में समेकित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम पोषण-2 का शुरूआत हो गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बिरला ऑडीटोरियम में दो दिवसीय पेरीनेटल कॉन्फ्रेंस ‘पेरीकॉन’ के पहले दिन के सायंकालीन सत्र में ‘पोषण-2’ (समेकित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री सराफ ने कहा कि किसी भी प्रदेश के स्वास्थ्य की जांच उस प्रदेश के हेल्थ इंडेक्स द्वारा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गत 4 वर्षों में किए गए विशेष प्रयासों से अब स्वास्थ्य सूचकांकों में लगातार सुधार हो रहा है। नीति आयोग ने हाल ही में आधार वर्ष 2014-15 तथा रेफरेंस वर्ष 2015-16 के आंकड़े प्रकाशित किए हैं। वर्ष 2014-15 के आधार वर्ष के अनुसार वार्षिक वृद्धि दर के आधार पर राजस्थान 21 बड़े राज्यों में 8वें पायदान पर है। सराफ ने कहा कि एसआरएस के अनुसार वर्ष 2013 के अनुसार राजस्थान की 5 वर्ष तक की शिशु मृत्युदर 57 थी में 12 अंकों की गिरावट के साथ 45 रह गयी है। नवजात शिशु मृत्युदर में 4 अंकों का सुधार हुआ है और यह 32 से घटकर 28 प्रति हजार रह गयी है। उन्होंने कहा कि टीएफआर में भी अच्छा सुधार हुआ है।

news of rajasthan
Image: ‘पोषण-2’ के शुभारंभ कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ.

मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर कम करने के लिए कर रहे हैं अभिनव प्रयास

चिकित्सा मंत्री सराफ ने कहा कि समयपूर्व जन्में अथवा कम वजन वाले जन्में नवजात शिशुओं को सघन उपचार के लिए वर्तमान में 60 एसएनसीयू संचालित हैं। जिनमें नये स्थापित 16 एसएनसीयू भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व सुरक्षा प्रदान कर सुरक्षित मातृत्व के साथ ही मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर कम करने के लिए अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। चिकित्सा मंत्री सराफ ने कहा कि बच्चों में कुपोषण की समस्या भी चुनौतीपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश के 13 जिलों बारां, बाड़मेर, बांसवाड़ा, बूंदी, धौलपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालोर, करौली, प्रतापगढ़, राजसमन्द, सिरोही व उदयपुर जिलों के 41 ब्लॉक्स में अतिगंभीर कुपोषित बच्चों का प्रबंधन कर उन्हें अति कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उन्होंने बताया कि कुल 10 हजार 246 बच्चे अति गंभीर कुपोषित पाये गए थे। इनमें से 406 को कुपोषण उपचार केन्द्र भिजवाकर उपचार करवाया गया और शेष 9 हजार 640 अति गंभीर कुपोषित बच्चों को सीमेम कार्यक्रम के तहत जोड़कर स्वास्थ्य कार्मिकों व परिजनों की निगरानी में ‘पोषण अमृत’ खिलाकर कुपोषण मुक्त किया गया।

पोषण-2 में 20 जिलों के 13500 अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करना लक्ष्य

चिकित्सा मंत्री सराफ ने कहा कि प्रदेश में सीमेम कार्यक्रम के प्रथम चरण की सफलता के बाद अब ‘पोषण-2’ अभियान की शुरूआत की जा रही है। इस अभियान में कुल 20 जिलों के 46 ब्लॉक में संचालित कर चिन्हि्त 13 हजार 500 अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के इस महाकुंभ के सार्थक परिणाम आएंगे। शिशु मृत्यदुर एवं मातृ मृत्युदर में कमी लाने में सहायक महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं पर दोनों दिन विस्तृत चर्चा से एक दिशा की ओर हम अग्रसर होंगे।

Read More: अजमेर में आज ‘विजय संकल्प सभा’ को संबोधित करेंगे पीएम मोदी

बेहतर परिणाम देने वाली एसएनसीयू हुए पुरस्कृत

चिकित्सा मंत्री सराफ ने नवजात शिशु स्वास्थ्य इकाइयों में बेहतर परिणाम देने वाले संस्थानों व कार्मिकों की कुल 13 टीमों को पुरस्कृत किया। इसके साथ ही एसएनसीयू के बेस्ट 8 डेटा एंट्री ऑपरेटर एवं प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले चिकित्सकों को भी पुरस्कृत किया। इस कार्यक्रम के मौके पर देश व प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे शिशु रोग, स्त्रीरोग विषय विशेषज्ञ तथा चिकित्सा अधिकारीगण भी मौजूद थे।