प्रदेश के किसान को उन्नत और आधुनिक बनाने को प्रयासरत राजस्थान सरकार ने अपने किसानों को अधिकाधिक वित्तीय फायदा पहुँचाने के लिए वर्ष 2017-18 में ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण के लिए 15000 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लक्ष्य तय किया है। राज्य के इतिहास में इतनी बड़ी रकम किसानों के लिए पहली बार निर्धारित की गई है। सरकार अपने इस निर्णय का लाभ राज्य के 25 लाख से ज़्यादा किसानों को देने जा रही है।

खरीफ़ और रबी के लिए निर्धारित की अलग-अलग ऋण राशि

किसानों को ब्याजमुक्त फसली ऋण देकर उनकी तरक्की के रास्ते खोलने वाली राजस्थान सरकार अपनी तय ऋण राशि 15 हज़ार करोड़ में से खरीफ की फसल के लिए 9 हजार करोड़ रुपये तथा रबी की फसल के लिए 6 हजार करोड़ रुपये का ऋण किसानों को देगी। उत्तर भारत में जून-जुलाई के मध्य बोई जाने वाली खरीफ की फसल के लिए ऋण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अक्टूबर-नवम्बर में बोई जाने वाली गेहूं, चना, जौ, मसूर, सरसों के लिए ऋण वितरण अगस्त में शुरू किया जाना प्रस्तावित है।

शुरू हो चुकी है, ऋण देने की प्रक्रिया

किसानों को फसल के अच्छे उत्पादन के लिए ऋण देने की प्रक्रिया सरकार शुरू कर चुकी है। इसी वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ 1 अप्रैल से जून के प्रथम सप्ताह तक सरकार ने 10 लाख 74 हज़ार से अधिक किसानों को खरीफ फसल के लिए ऋण दे दिया है। इस समयावधि में सरकार ने खरीफ फसल के निये निर्धारित 9 हज़ार करोड़ रूपए के लक्ष्य में से 4686.72 करोड़ रूपए का वितरण प्रदेश के किसानों को कर दिया है। जून-जुलाई के मध्य में बोई जाने वाली धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूँग, मूँगफली और गन्ना फसल के लिए सरकार ने अधिकाँश ऋण का वितरण कर दिया है। अब आगे चरणबद्ध रूप से रबी की फसल के लिए भी ऋण वितरण किया जायेगा।

लगातार दो वर्षों से राजस्थान दूसरे स्थान पर

पिछले वर्ष 2016-17 में राजस्थान सरकार ने अपने किसानों को 13540.46 करोड़ रुपये के ब्याजमुक्त ऋण का वितरण कर देशभर के राज्यों में दूसरा स्थान हासिल किया था। तथा वर्ष 2015-16 में भी राजस्थान देश में ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण के मामले में दूसरे स्थान पर ही था। इस तरह राजस्थान सरकार सभी ज़रूरतमंद किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें आगे बढ़ने को प्रोत्साहित कर रही है।