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वासुदेव देवनानी

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने राज्य की विरासत को संरक्षित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत बजट में फिल्म लाइब्रेरी बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए दो करोड़ रुपए का विशेष बजट भी आवंटित किया गया है। लाइब्रेरी को हैरिटेज लुक दिया गया है।

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हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी का अवलोकन करते हुए शिक्षा एवं राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी।

अजमेर के किले में बन रही हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी अजमेर की विरासत है। लाइब्रेरी में वें दुर्लभ फिल्में मौजूद हैं जो देश की आजादी, संस्कृति, वीरता, राष्ट्र नायकों और इतिहास की बड़ी घटनाओं को दर्शाती हैं। अजमेर के किले में बन रही लाइब्रेरी में इन्हीं राष्ट्र नायकों और देश के सामाजिक ताने-बाने को प्रदर्शित किया जाएगा। यह कहना है शिक्षा एवं राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का। देवनानी ने बीते दिल अजमेर के किले में बन रही हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी के कार्य का अवलोकन किया था। जल्द ही यह फिल्में लाइब्रेरी में आमजन के देखने के लिए उपलब्ध होगी।

अजमेर पर्यटन में मील का पत्थर साबित होगी हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी

शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी अजमेर के पर्यटन में मील का पत्थर साबित होगी। राजकीय संग्रहालय बहुत कम अवधि में पर्यटन की धुरी बन चुका है। लाइब्रेरी भी इसके साथ ही खुल जाने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

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वासुदेव देवनानी

देवनानी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लाइब्रेरी में फिल्मी अभिनेताओं को अधिक महत्व देने के बजाए राष्ट्र नायकों, देश के वीर सपूतों, स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहने वालों, देश के विद्वानों, विदूषी महिलाओं, खिलाडियों, अजमेर के वीर सपूत सम्राट पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, शहीद हेमू कालानी, आर्यभट्ट, ब्रह्मभट्ट जैसे विद्वानों तथा मातृशक्ति आदि के चित्र प्रदर्शित किए जाएं। इस अवसर पर अजमेर के किले के संग्रहालय अध्यक्ष नीरज त्रिपाठी सहित अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित थे।

हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी में यह होगा खास

जैसाकि देवनानी ने बताया,

  • लाइब्रेरी में करीब 4000 दुर्लभ फिल्में संरक्षित रहेंगी।
  • इनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, भारत-पाकिस्तान युद्ध, देश में लगने वाले मेलों तथा देश के इतिहास व संस्कृति से जुड़ें वो अनमोल फुटेज शामिल हैं, जो आज विपुल धनराशि खर्च करने के बाद भी नहीं मिलेंगे।
  • करीब 1600 फिल्मों को डिजीटल रूप में संरक्षित किया जा रहा है।
  • 16-16 सीटों के दो मिनी थियेटर बना गए हैं। इनमें नाममात्र का शुल्क देकर फिल्में देखी जा सकेंगी।
  • 6 कियोस्क बनाई जा रही हैं जहां शुल्क देकर पर्यटक अपनी मनचाही फिल्म एकल रूप में देख सकते हैं।
  • वाचनालय तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।

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