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पिछले साल 25 सितम्बर को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की जांगला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जन कल्याणकारी योजना को लॉन्च किया था। इस लाभकारी योजना का नाम है आयुष्मान भारत योजना। यह एक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है जिसके तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध होगा। इस योजना में करीब 50 करोड़ लोग दायरे में आएंगे। अब झारखंड में कांग्रेस सरकार ने आते ही इस योजना को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। बंद करने की वजह ‘आयुष्मान योजना का टैरिफ बहुत महंगा है और डॉक्टर इसे सर्वाईब नहीं कर पा रहे हैं’ बताया जा रहा है। खैर, अब बात करें राजस्थान की। यहां भी हाल ही में कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभाली है। अब तक पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की चलाई कई योजनाओं के नाम या तो बदले जा चुके हैं या फिर बदलने की तैयारी की जा रही है। इसे देखते हुए तो कयास यही लगाए जा रहे हैं कि झारखंड की तरह ही राजस्थान में भी मोदी सरकार आयुष्मान भारत योजना का भविष्य संकट में हो सकता है।

हालांकि राज्यों में सरकार बदलते ही जनयोजनाओं का नाम बदल जाना सामान्य बात है लेकिन इस तरह केन्द्रीय योजनाओं को सत्ता हथियाने के बाद बदलना या बंद करने का शायद यह पहला मामला है। राजस्थान में भी प्रदेश सरकार के बदलने ही हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की चलाई जा रही विजय राजे सिंधिया स्वयं सहायता समूह योजना का नाम बदलकर प्रियदर्शनी आदर्श स्वयं सहायता समूह योजना किया गया है। आईएएस, आईपीएस और आरएएस को भी बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। अब झारखंड की कांग्रेस सरकार ने ऐसा किया है तो राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में बनी कांग्रेस की नव नवेली सरकार अगर यह करें तो कुछ अलग नहीं होगा। तीनों राज्यों में कर्जमाफी के नाम पर किसानों से धोखा भी तो एक ही तरह से किया गया है।

अब झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के साथ ऐसा क्यूं किया जा रहा है, यह तो वहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही बता सकते हैं। वहीं जिले के CMHO बी आर पुजारी की मानें तो अब तक हेल्थ स्कीम से 900 से ज्यादा लोग लाभान्वित हो चुके हैं। हालांकि योजना को बंद करने की सरकार की तैयारी पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने सरकार को घेरा है। फिलहाल राजस्थान में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है लेकिन जिस तरह से पहले छत्तीसगढ़, उसके बाद मध्य प्रदेश में जो बदलाव आ रहे हैं, उसका एक रास्ता राजस्थान से होकर भी जाता है। कर्जमाफी वाले मामले में यह सब पहले से देखा दिखाया है। ऐसे में राजस्थान में भी आयुष्मान भारत योजना को लेकर राजस्थान सरकार का कोई बयान आ जाए तो हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए।

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