जयपुर। राजस्थान में इन दिनों बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर पूुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चिंता जाहिर की है। राजे ने अखबार के पन्नों का एक कोलाज ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि अलवर, भरतपुर, सीकर, झुंझुनूं सहित राजस्थान भर में बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं के ख़िलाफ़ आपका और मेरा रोष स्वाभाविक है।

इन सभी मामलों में हमारी बेटियों के साथ जो दुराचार की वारदातें हुई,वो किसी भी सभ्य समाज को सिहरा देने तथा मानवता को तार-तार कर देने के लिए काफी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछले चार माह में राजस्थान से प्रकाशिष ऐसा कोई अखबार नहीं है जिसमें किसी दिन दुष्कर्म की घटना का जिक्र ना किया गया हो। दुकान पर माचिस लेने गई बालिका से दुष्कर्म, शौच के लिए गई बच्ची का अपहरण, पति के सामने महिला से सामूहिक कुकर्म, मंदिर दर्शन के लिए जा रही युवती से सामूहिक दुष्कर्म… ये ऐसी घटनाएं हैं जो सुरक्षा को लेकर हर अभिभावक की चिंता बढ़ाती है।

वसुंधरा राजे ने आगे लिखा कि समाज का आम नागरिक हो या सत्ता से जुड़े लोग, हर कोई ऐसे कठोर कानून का समर्थन करता है जो मानवता को कलंकित कर देने वाली बर्बर सोच व दुस्साहस पर चोट कर सके। इस दौरान उन्होंने पिछले साल राजस्थान विधानसभा में पारित कानून का जिक्र करते हुए लिखा कि हमारी भाजपा सरकार ने महिलाओं के दुख-दर्द को समझते हुए दुष्कर्म के आरोपियों को मृत्युदंड का प्रावधान किया था, जिसके बाद कई दुष्कर्मियों को फांसी की सज़ा तक सुनाई गई।

राजे ने मामले पर चिंता जाहिर करते हुए लिखा कि हालांकि ऐसे मामले राजनीति के मुद्दे नहीं होने चाहिए। लेकिन विडंबना देखिए, प्रदेश में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है राजस्थान अपराध का अड्डा बन चुका है। बदमाशों द्वारा आए दिन दुष्कर्म, हत्या व लूट की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है और कांग्रेस सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सरकार से निवेदन करते हुए लिखा कि एक महिला होने के नाते मेरा राज्य सरकार से अनुरोध है कि ऐसे मामलों को दबाने की बजाय तुरंत संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। क्योंकि कानूनी लचरता के चलते अपराधियों में भय नहीं बल्कि दुस्साहस बढ़ता है और यह पूरी व्यवस्था के लिए अफसोस की बात है। वसुंधरा राजे ने अपना दुख फेसबुक पेज पर शेयर किया था।