गहलोत मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया इन दिनों लोकसभा चुनाव में अपनी कम सक्रियता व खनन मंत्रालय को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। बारां जिले में अपना खासा दबदबा रखने वाले भाया ने इस बार झालावाड़-बारां संसदीय सीट से प्रमोद शर्मा को टिकट दिलवाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बुरी तरह चौंका दिया। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की पहली पसंद प्रमोद जैन भाया और उनकी पत्नी उर्मिला जैन थी लेकिन इन सबसे इतर प्रमोद शर्मा को टिकट मिलना किसी को भी नहीं पच रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि अगर कांग्रेस पार्टी प्रमोद शर्मा की जगह किसी अन्य को टिकट देती थी भाजपा के विजय रथ को रोका भी जा सकता था।

लेकिन खनन मंत्री बनने बाद से प्रमोद जैन भाया अब लोकसभा चुनाव को लेकर ज्यादा फिक्रमंद नहीं दिख रहे है। स्थानीय लोगों व कार्यकर्ताओं के बीच उन्हें हटाये जाने की मुहिम को लेकर भी तरह-तरह की खबरें सामने आने लगी है। दरअसल कार्यकर्ताओं का मानना है कि भाया की सोची समझी राजनीतिक चाल थी कि उन्होंने खुद चुनावी मैदान में नहीं उतरकर कम अनुभवी इंसान प्रमोद शर्मा को टिकट दिलवाया, जबकि टिकट की लाइन में प्रमोद शर्मा से पहले कई नेता मौजूद है। अगर इस बार भी झालावाड़-बारां से कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ता है तो उसका जिम्मा विशेष रूप से प्रमोद जैन भाया पर ही होगा। क्योंकि कांग्रेस आलाकमान ने हाड़ौती में प्रमोद जैन भाया के भरोसे ही सब कुछ छोड़ रखा है। ये भी लगभग तय ही माना जा रहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद से कांग्रेस प्रत्याशी हारता है तो सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर उनके खिलाफ खुलकर लामबंद हो सकते हैं।