राजस्थान विधानसभा में सत्र के दूसरे दिन की बैठक काफी हंगामेदार रही, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन 8 जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। विधानसभा में विपक्ष ने एनएचएम भर्ती विवाद, किसान कर्जमाफी और बजरी माफियाओं के आतंक का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान पक्ष व विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोंक-झोंक भी देखने को मिली। लेकिन विस का दूसरा दिन सीपी जोशी के सख्त रवैये के कारण बेहद चर्चा में रहा। विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ भी जोशी की जमकर बहस हुई जिसके बाद उन्होंने गुस्सा होकर अपनी कुर्सी छोड़ते हुए विधानसभा स्थगित करने की घोषणा की। विधानसभा के इतिहास में स्पीकर का ऐसा व्यवहार पहली बार देखा गया।

शून्यकाल में पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने रघु शर्मा पर एनएचएम घोटाले का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे व सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि भर्ती के रद्द होने से प्रदेश को 600 करोड़ रु का नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई कौन करेगा? विधायक अशोक लाहोटी और वासुदेव देवनानी ने भी मंत्री रघु शर्मा पर जमकर आरोप लगाए। बजरी खनन मामले में जब विपक्ष ने सरकार पर आरोपों की बौछार की तो मंत्रियों के जवाब देने की बारी आई। लेकिन इसी बीच विस अध्यक्ष जोशी ने चर्चा बंद कर दी जिसके बाद शांति धारीवाल व सीपी जोशी के बीच कहासुनी भी हुई। इतना ही नहीं कुर्सी छोड़कर अपने चैम्बर में पहुंचे सीपी जोशी से मिलने जब रघु शर्मा गए तो वहां दोनों के बीच भी तकरार हो गई। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विस अध्यक्ष इस तरह के व्यवहार पर रोष जताया और वहीं सरकार की ओर से जवाब नहीं मिलने से नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर अपना विरोध व्यक्त किया।