जयपुर। राजस्थान में दो दिन से हो रही भारी बारिश आफत बनकर बरसी है। कोटाए बारांए झालावाड और धौलपुर के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। आर्मी को भी अलर्ट पर रखा गया है। इन जिलों में कहीं लोगों को घर छोड़कर जाना पड़ रहा है तो हजारों बाढ़ में घिरे हुए हैं। रेस्क्यू टीमें लगातार लोगों को बचाने में जुटी हैं। सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगातार लोगों को बचाने में जुटी हैं। लेकिन अब भी हजारों लोगों को मदद का इंतजार है। वहीं चंबल नदी 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ने के करीब है। बीसलपुर डैम के आज गेट खोले जा सकते हैं।

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने किया हवाई दौरा
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने आज दोपहर झालावाड़, बारां में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया। राजे ने अपने बेटे और झालावाड़, बारां से सांसद दुष्यंत सिंह के साथ हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण किया। उन्होंने बारां और झालावाड़ के एरिया में हेलीकॉप्टर से सर्वे किया है। राजे ने कहा कि दो दिन से चल रही भारी बारिश के कारण राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। चंबल नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर आ गया है। राज्य सरकार को जल्द अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर राहत व बचाव कार्य तेज करना चाहिए। चंबल नदी से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। चंबल के लो लाइन की करीब दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। जिनमें करीब 10 हजार की आबादी प्रभावित है।

 

दो दिन बंद रहेगी स्कूल
राजस्थान में चल रहे भारी बारिश के दौर के कारण गुरुवार को भी कई जिलों में स्कूलों में अवकाश रहेगा। भारी बारिश वाले इलाकों में शुमार कोटा संभाग के झालावाड़ और बारां समेत टोंक, जालोर, उदयपुर तथा धौलपुर में कहीं एक दिन तो कहीं दो दिन के लिये स्कूल बंद कर दिये गये हैं। इस बीच बूंदी में पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिये सेना को बुलाया गया है।

चंबल रिकॉर्ड तोड़ने के करीब
चंबल नदी में लगातार हो रही पानी की आवक से धौलपुर में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 12 मीटर ऊपर पहुंच चुका है। नदी के शाम तक खतरे के निशान से 15 मीटर ऊपर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है, जो 1996 के रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब है। वर्तमान में चंबल नदी का जलस्तर 142.70 मीटर पहुंच चुका है। साल 1996 में चंबल नदी का जलस्तर 145 मीटर तक पहुंचा था और जिले में बाढ़ आई थी। धौलपुर में भी 80 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 20 टीमें तैनात
सात जिलों में कोटा, धौलपुर और झालावाड़ में हजारों लोग पानी में फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू करना पड़ रहा है। दो दिन से बारां के छबड़ा क्षेत्र के खुरई, गोड़िया मेहर, बटावदापार से लोगों को एयरलिफ्ट करना पड़ा है। वहीं, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की करीब 20 टीमें प्रदेशभर में तैनात हैं।

​​​​​​आज 10 जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग ने बुधवार को जयपुर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिलों और आसपास के क्षेत्रों मे कहीं-कहीं पर गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना जताई। इस दौरान बाड़मेर, जैसलमेर, में कहीं.कहीं आकाशीय बिजली और तेज बारिश के दौर की संभावना जताई है।