अलवर के रामगढ़ में आगामी 28 जनवरी को शेष बची एक सीट के लिए चुनाव है। ऐसे में सरकार और उनके मंत्री रामगढ़ में डेरा जमाए हुए हैं। इसमें सूबे के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी शामिल है। उनके विभाग के दावें खोखले साबित हो रहे हैं और साहब चुनाव प्रचार में जुटे हैं। पूछो तो कहते हैं एहतियात बरतों। ये सब तो ठीक है जनाब! लेकिन, प्रदेश में स्वाइन फ्लू से बीते 24 दिन में मरने वालों की संख्या 59 हो गई है तो, पॉजिटिव का आकड़ा 1627 को पार कर गया है। माने एक दिन में करीब तीन मौत और 68 पॉजिटिव।

स्वाइन फ्लू से मौत पर मौत हो रही है और सरकार मौन है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत जी और उनके मंत्री, विधायकों ने अब तक ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे उनकी तारीफ की जाएं लेकिन, स्वाइन फ्लू से मौत के मामले में देश में राजस्थान को पहला नंबर दे दिया है। वाह साहब! कमाल हो गया। इस पर तो जश्न होना चाहिए। और जश्न भी ऐसा ‘न भूतो न भविष्यति:’। क्योंकि लापरवाही की जिद्द ने जो जिंदगियां लीली है। न तो वो लौटेंगे, और न कभी भुलाया जाएगा।

राजस्थान में स्वाइन फ्लू से मौत पर विभागीय लापरवाही ऐसी कि क्या खास और क्या आम। सबके सब इसकी जद्द में आते जा रहे हैं। और मंत्री जी कह रहे हैं ध्यान रखिए, ये कीजिए वो कीजिए। अब इन्हें कौन समझाए कि जब वीआईपी की हालत ऐसी है तो आमजन भला क्या करेगा। केंद्रीय राज्य मंत्री सीआर चौधरी के बाद अब शाहपुरा से निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गए हैं। प्रदेश के मुखिया मौन हैं, विभाग के मंत्री जी वोट डालने के लिए जनता को धमका रहे हैं और इनको सत्ता की कुर्सी देने वाला जन मानस बेबसी की मार से मर रहा है।