ऐसा लगता है है की अब प्रदेश का किसान कांग्रेस की नियती और नियत दोनों समझ चुका है और वे समझ चुके है की हम एक वोट की कीमत 5 साल तक झेल नहीं सकते है ! क्योकि विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के नेताओ ने बहुत से वादे किये पर जीतने के बाद वे केवल वादे ही बन कर रह गए ,कर्ज माफ़ी से पहले ही किसानो में गुस्सा है ! और अब तो प्रदेश क किसान ने यह तक कह दिया की अब हमे गहलोत सरकार पर बिलकुल विश्वास नहीं है वे अब हमे दुबारा पागल नहीं बना सकते , हमे सिर्फ मोदी सरकार पे भरोसा है

लोकसभा चुनाव के लिए वागड़-मेवाड़ में सियासी समीकरण साधने आए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां किसान और युवा कार्ड खेला. बांसवाड़ा के बेणेश्वर आयोजित अपनी पहली चुनावी सभा में राहुल गांधी ने किसानों पर फोकस करते हुए कहा कि 2019 के बाद किसानों के लिए अलग से विशेष बजट बनेगा. किसी युवा को उद्यम चालू करने के लिए सरकार से अनुमति की जरूरत नहीं होगी.
राहुल ने अपने संबोधन में केन्द्र सरकार और बीजेपी पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी राज में आदिवासियों के लिए कोई काम नहीं हुआ. मोदी ने गरीब और आदिवासियों के साथ अन्याय किया है. मोदी ने आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन छीनने का काम किया है. कांग्रेस गरीब और कमजोर लोगों की पार्टी है. हम न्याय करेंगे.
राहुल ने कहा किसान बैंक का 20 हजार का कर्ज नहीं चुकाते है तो उन्हें जेल में डाल दिया जाता है, लेकिन अमीर चाहे जितना बैंक से कर्ज ले लेते हैं, लेकिन उनको जेल में नहीं डाला जाता. उन्होंने कहा कि हम इस कानून को बदलेंगे. कर्ज नहीं लौटा पाने पर कोई भी किसान जेल में नहीं डाला जाएगा. गरीब आदमी के खाते में हर साल पैसा डाला जाएगा. पहली बार सरकार गरीब लोगों के खातों में पैसा डालेगी.
मैं 15 लाख देने का वादा नहीं करूंगा, लेकिन 3.60 लाख देने का वादा करूंगा. हम 10 लाख युवाओं को पंचायत स्तर पर रोजगार देंगे.
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 5 साल में पीएम मोदी ने सिर्फ 15 उद्योगपतियों के लिए सरकार चलाई है. राहुल ने कहा कि पीएम ने सिर्फ और सिर्फ किसानों का नुकसान किया है.

राहुल बोले कि हमने पहले मनरेगा के तहत 100 दिन रोजगार दिया था, लेकिन अब 150 दिन का रोजगार देंगे. लेकिन हमने फैसला किया है कि हम सिर्फ पैसा महिलाओं के खाते में डालेंगे.

पर इतने वादों को शायद प्रदेश का किसान अब समझ चुका है क्योकि कुछ इस तरह के वादे कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में किये थे पर न तो कर्ज माफ़ी की नाही किसानो का भला