MJSA phase 2 vasundhara raje

जल है तो कल है। आमजन को जल संरक्षण की महत्ता को समझना होगा। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण की अपार सफलता के बाद प्रदेश में शुक्रवार 9 दिसंबर से दूसरे चरण के अभियान को शुरु किया गय़ा। इस अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने गृहक्षेत्र झालावाड़ जिले के की हैं। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण के राज्य स्तरीय शुभारंभ समारोह के अवसर पर झालावाड़ जिले की झालरापाटन तहसील के ग्राम देवरी से की हैं।

राजस्थान में जल सहेजने की परम्परा को आगे बढ़ाए

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि देश-दुनिया ने हमारे जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण को सराहा है अब हमें ऐसे कार्य करने होंगे कि दुनिया हमारे कार्यों का लोहा माने। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जल सहेजने की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए शहर और गांवों के पुराने जल स्रोतों को संवारने के लिए लोग स्वतः आगे आएंगे तो इससे प्रदेश में जल संकट दूर होगा और प्रदेश को जल स्वावलम्बी बनाने के सरकार के प्रयास सफल होंगे।

प्रधानमंत्री ने की प्रसंशा, देश-विदेशों को मिली राजस्थान से प्रेरणा

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राज्य सरकार के इस कदम की सरहाना की हैं। उन्होने कहा कि देश- विदेश में राजस्थान सरकार के इस अभियान से नई पहचान मिली हैं। देश के कई राज्यों ने इससे प्रेरणा लेकर इसी तरह का कार्यक्रम शुरू करना किए हैं। ब्रिक्स राष्ट्रों के सम्मेलन में भी तारीफ की गई है वहीं दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, नामीबिया जैसे देशो ने इसे अपने देश में मॉडल के रूप में शुरू करने की रूचि दिखाई है।

पहला चरण प्रदेश के लिए साबित हुआ वरदान

मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि जल स्वावलंबन अभियान का पहला चरण में प्रदेश के 3 हजार 529 गांवों के लिए वरदान साबित हुआ है। जो पानी संग्रहण किया गया उससे 40 लाख लोग एवं 45 लाख पशु लाभान्वित हुए हैं। अभियान के तहत जल संरचनाओ के आसपास 28 लाख पौधे लगाए गए हैं। इनसे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

दूसरे चरण में 2100 करोड़ की लागत के होंगे कार्य

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के दूसरे चरण में प्रदेश के करीब 43 00 गांवों में जल स्वावलंबन से संबंधिक कार्य करवाए जाने हैं। जल स्वावलंबन अभियान दूसरे चरण में 2100 करोड़ की लागत से प्रदेश के कई हिस्सों में कार्य कराये जाएंगे। अभियान के पहले चरण में इसे गांवों तक सीमित रखा गया था लेकिन दुसरे चरण में शहरों को भी शामिल किया जा रहा हैं। अब राजे सरकार शहरों में जल संग्रहण के लिए पूरानी बावड़ियों, तालाबों, जोहड़ों और चवदकों आदि का जीर्णोद्धार कराया जाएगा।  इसके अलावा शहरों में रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री राजे ने फावड़ा चलाकर किया श्रमदान

ग्राम देवरी में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण का शुभारंभ गांव के ऐतिहासिक तालाब के जीर्णोद्धार कार्य के शुभारंभ के साथ किया गया। तालाब का निरीक्षण कर फावड़ा चलाकर श्रमदान की शुरूआत की। मुख्यमंत्री के आह्वान पर इस तालाब के जीर्णोद्धार हेतु राजस्थान अक्षय उर्जा निगम लिमिटेड द्वारा 70 लाख रुपए का सहयोग प्रदान करने की बात कही।

भामाशाहों ने किया अभियान के लिए दान

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गांव को जल के क्षेत्र में स्वावलम्बी बनाने के लिए तन, मन, धन से सहयोग कर कदम बढ़ाने होंगे। प्रदेश में जल की कमी एवं अकाल को सुकाल में बदलने के लिए यह अभियान क्रान्तिकारी साबित होगा। मुख्यमंत्री राजे की अपील पर कार्यक्रम में भामाशाहों ने आगे बढ़कर राजस्थानी परम्परा को आगे बढ़ाया तथा सरकार के भागीरथी प्रयास की सराहना करते हुए 15 मिनट में 23 करोड़ 17 लाख रुपए का सहयोग मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों के लिए प्रदान किया।