एक व्यक्ति एक पद
एक व्यक्ति एक पद की बात करने वाली कांग्रेस ने एक मुख्यमंत्री पद के लिए राजस्थान को दो मुख्यमंत्रियों की सौगात दी हुई है।

लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर कांग्रेस की करारी हार के बाद शुरू हुआ मंथन का दौर पार्टी के लिए अब गले की फांस बन रहा है। दरअसल हाल ही में कांग्रेस पार्टी की हार के लिए हुए मंथन में पार्टी के अधिकतर उम्मीदवारों ने रूचि व एकजुटता ही नहीं दिखाई। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों ही बड़े नेता हार के कारणों की चर्चा के लिए आयोजित की गई बैठक से नदारद दिखाई दिए। ऐसे में प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे और सह प्रभारियों के द्वारा लिए गए चुनावी फीडबैक में पार्टी को हार की सारी हकीकत नहीं मिल पायी है।

गौरतलब है कि चुनाव नतीजों के बाद से ही पार्टी के कई मंत्री व प्रत्याशियों ने अनर्गल बयानबाजी कर अपनी हार का गुस्सा पार्टी के अन्य नेताओं पर निकाला था और उन्हें जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन जब चुनावी हार के लिए मंथन किया गया तो ये नेता ही नजर नहीं आए। फीडबैक देकर लौटे कुछ नेताओं का कहना है कि मंथन में सिर्फ खानापूर्ति ही गई, इस स्थिति को पहले ही भांपने वाले कई उम्मीदवार तो बैठक में ही नहीं पहुंचे। फीडबैक को लेकर भी बैठक तब आयोजित की गई है जब सचिन पायलट अपनी मां रमा पायलट के इलाज के लिए विदेश गए हुए हैं और सीएम गहलोत सरकारी दौरों व अन्य बैठकों में व्यस्त है।

वहीं जयपुर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रही ज्योति खण्डेलवाल ने खुद को मिले नोटिस का जवाब प्रदेश सह प्रभारी विवेक बंसल को दे दिया है। हार के बाद सार्वजनिक रूप से मीडिया से बातचीत के दौरान ज्योति खण्डेलवाल ने पार्टी के बड़े नेताओं और शहर कांग्रेस के कई पदाधिकारों को हार का जिम्मेदार ठहराया था।