लोकसभा चुनाव 2019 के महासंग्राम की चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद भाजपा व कांग्रेस समेत अन्य दलों ने अब उम्मीदवारों की लिस्ट निकालना शुरू कर दिया है। भाजपा की पहली लिस्ट में राजस्थान की 16 सीटों पर नाम आने के बाद केन्द्र में सत्ताधारी दल भाजपा में बगावती सुर तेज होने के आसार ज्यादा दिख रहे हैं। झुंझुनूं से वर्तमान भाजपा सांसद संतोष अहलावत का टिकट काटकर मंडावा विधायक नरेंद्र खींचड़ को लोकसभा प्रत्याशी बनाए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को अहलावत के आवास पर हुई समर्थकों की बैठक में टिकट नहीं मिल पाने का मलाल उनकी आंखों में साफ दिखाई दे रहा था।

इस दौरान समर्थकों ने भाजपा संगठन व शीर्ष नेतृत्व के प्रति नाराजगी भी जताई। सांसद अहलावत ने कहा कि उन्होंने स्वयं का मूल्यांकन किया था और टिकट मिलने के पूरे आसार थे। उनका टिकट क्यों काटा है, ये उनकी समझ से परे हैं। सांसद ने समर्थकों की भावनाओं व प्रतिक्रिया को आलाकमान तक पहुंचाने के लिए भी कहा। हालांकि अभी उन्होंने झुंझुनूं से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। गौरतलब है कि साल 2014 में प्रदेश की एकमात्र महिला सांसद संतोष अहलावत झुंझुनूं लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंची थी। देश के सर्वश्रेष्ठ 25 सांसदों में शामिल होने वाली और नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित अहलावत का टिकट कटने के बाद ही उनके समर्थकों व स्थानीय लोगों ने विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं।

राजनीतिक गलियारों में सांसद अहलावत के चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ रखा है। मंडावा विधायक नरेन्द्र खींचड़ की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से खासी नजदीकी है जिसका फायदा उन्हें विधानसभा चुनाव में मिला व अब लोकसभा में मिलने वाला है। नरेंद्र खीचड़ का मंडावा विधानसभा में अच्छा खासा जनाधार है, जिसका फायदा उन्हें जरूर मिल सकता है। अब देखना होगा कि पार्टी से नाराज चल रही संतोष अहलावत मौजूदा प्रत्याशी का समर्थन करती है या फिर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर स्वयं चुनाव लड़ती है।