जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट सोमवार को इतिहास बनाने जा रहा है। पहली बार किसी मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोधपुर मुख्य पीठ व जयपुर पीठ से एक साथ होगी। दो जज 350 किलोमीटर दूर से सुनवाई करेंगे। एक दशक पुराने गुर्जर आरक्षण के पेचीदा मामले की सुनवाई जोधपुर में मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और जयपुर में जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र भाटी करेंगे। आमतौर पर हाईकोर्ट में विभिन्न बेंच में सुबह 10:30 बजे सुनवाई की शुरू होती है, लेकिन इस मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस एस रविंद्र भट्‌ट निर्धारित समय से आधे घंटे पहले यानी सुबह दस बजे ही कोर्ट रूम नंबर 1 में जस्टिस विनीत कुमार माथुर के साथ बैठेंगे। इसके लिए बाकायदा नोटिफिकेशन जारी किया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता व एजी हाईकोर्ट पीठ जयपुर से पैरवी करेंगे।

पहली बार ओपन कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई
जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में होने वाली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एम एस सिंघवी व अधिवक्ता अभिनव शर्मा जयपुर से पैरवी करेंगे। माना जा रहा है कि देश के किसी भी हाईकोर्ट में इस तरह से पहली बार सुनवाई ओपन कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है। महाधिवक्ता व याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जयपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे और यहां जोधपुर में चीफ जस्टिस एस रविंद्र भट्ट व जस्टिस विनीत कुमार माथुर उनकी बहस को सुनेंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बहस खुले कोर्ट में ही सुनी जाएगी।

बढाई जा सकती है यह व्यवस्था
ऐसा माना जा रहा है कि यह सुनवाई सोमवार को पूरी होने, यदि यह नहीं होने की स्थिति में मंगलवार या बुधवार तक यही व्यवस्था रह सकती है। याचिकाकर्ता अरविंद शर्मा की ओर से अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने गुर्जर सहित पांच अन्य जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में आरक्षण देने को चुनाैती दी है।

क्या है मामला

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम- 2019 के तहत गुर्जर सहित पांच जातियों, गाड़िया लुहार, बंजारा, रेबारी व राइका को एमबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में 5 प्रतिशत का विशेष आरक्षण दिया गया है। अरविंद शर्मा की ओर से अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने इसे चुनौती दी है। यह याचिका जयपुर पीठ में सूचीबद्ध हुई थी।