गहलोत पायलट की सरकार
गहलोत पायलट की सरकार

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। यानि गहलोत पायलट की सरकार है। राहुल गांधी की सरकार है। उस पार्टी की सरकार है। जो राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले कहती थी। “महिलाओं के सम्मान में, कांग्रेस पार्टी मैदान में”। महिलाओं के सामान की दुहाई दे देकर जिस पार्टी ने जनता ने वोटों की भीख़ मांगी। महिलाओं के आगे हाथ फ़ैलाया था। चिल्ला-चिल्ला कर कहा था। हमें वोट दे दो। कांग्रेस की सरकार बना दो। पहले ही दिन से कांग्रेस पार्टी का मुख्यमंत्री 24 घंटे आपके लिए काम करंगे। आपकी सुरक्षा और सम्मान में कड़े क़दम उठाएंगे। अब वीडियो देखिये पहले बड़े, छोटे साहब क्या बोलते थे।

अब प्रदेश के गहलोत पायलट की सरकार में क्या हालत

राजस्थान के जिले चुरू में की एक घटना है। मई के महीने में यहां का तापमान 40 डिग्री से अधिक रहता है। रविवार यानी 12 मई को जब देश के अधिकांश हिस्सों में वोटिंग हो रही थी। पूरी दुनिया में मदर्स-डे यानि मातृत्व दिवस मनाया जा रहा था। उसी दिन अपनी सासू मां से परेशान 28 साल की एक महिला केस दर्ज कराने बिना कपड़ों के निकल पड़ी। उसने चप्पल भी नहीं पहनी थी। उसे केस दर्ज कराने तीन किलोमीटर दूर जाना था। वह तीन किलोमीटर तक बिना कपड़ों के सड़क पर चलती रही। इस दौरान लोग उसकी फोटो क्लिक करते रहे। वीडियो बनाते रहे, लेकिन मदद नहीं की।

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इससे पहले अलवर में हुए सामूहिक बलात्कार और उसके बाद घटना का वीडियो वायरल करने का मामला अभी तक सुर्ख़ियों में है। ऐसे ही मामले रोज सामने आ रहे हैं। लेकिन तब से कुछ ज्यादा ही आ रहे हैं। जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी हैं। 147 दिन की गहलोत पायलट की सरकार में 150 से ज़्यादा दुष्कर्म, दुराचार, बलात्कार और ऐसी ही घिनौनी घटनाएं तो अख़बारों में छाप चुकी है। और अलवर मामले की तरह कई घटाओं को दबा दिया गया हो वो अलग हैं।

आखिर चूरू की महिला ने ऐसा क्यों किया?

चूरू जिले के बीदासर के वार्ड नंबर 5 की रहने वाली महिला का रविवार सुबह ससुराल वालों से झगड़ा हो गया। पुलिस का कहना है कि जेठानी और सास से उसकी नहीं बनती। दोनों से प्रताड़ित होकर महिला ने ऐसा कदम उठाया। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसके कपड़े फाड़े गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता का कहना है कि उसने पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। इसके बाद पीड़िता ने थाने जाने का फैसला किया। और बिना कपड़ों के निकल गई। घर वालों ने उसे कपड़े पहनाने की कोशिश की, ऑटो में बैठाने की कोशिश की। लेकिन महिला ने इंकार कर दिया। और पैदल ही थाने के लिए निकल पड़ी। थाने में पहले से मौजूद घरवालों ने महिला को कपड़े पहनाए और फिर ले गए।

पुलिस का क्या कहना है?

एसपी राजेंद्र कुमार का कहना है कि…

महिला का मायका अकोला (महाराष्ट्र) में है। वह पिछले कुछ समय से अपने पति के साथ बीदासर में रह रही थी। रविवार (12 मई) को सास और जेठानी से किसी बात को लेकर अनबन हो गई। इस कारण बिना कपड़ों के थाने पहुंच गई। मामले की जांच करवाई जा रही है।

सुजानगढ़ एएसपी सीताराम माहिच का कहना है…

चुरू की एक महिला को उसके ससुराल वालों ने पीटा। उसके कपड़े फाड़ दिए। वह बिना कपड़ों के पुलिस थाने पहुंच गई। अब पुलिस प्रोटेक्शन में हैं। एफआईआर दर्ज कर ली गई है। रास्ते में कुछ लोगों ने महिला की फोटो खींची और वीडियो भी बनाया। इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। अगर महिला की इस तरह की कोई फोटो किसी के पास पाई जाती है। और उसे वायरल किया जाता है। तो दोनों ही मामलों में सख़्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वीडियो वायरल करने वाला गिरफ्तार

बताया जा रहा कि लोगों ने इस घटना के बारे में आईजी को सूचना दे दी। आईजी की सूचना के बाद पुलिस सक्रिय हुई। जिस रास्ते से महिला बिना कपड़ों के थाने पहुंची थी। उस रास्ते के सारे सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने डिलीट करवा दिए। पुलिस ने लोगों के लिए चेतावनी जारी की है। महिला का वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी। लेकिन पुलिस की इस चेतावनी के बाद भी एक व्यक्ति ने वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। आरोपी भवानीशंकर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग वो भी गहलोत पायलट की सरकार में?

आजतक के संवाददाता ने हमें बताया कि महिला को 1.5 लाख रुपए में खरीदकर लाया गया था। महिला को रतनगढ़ के लोहा गांव से खरीदा गया था। महिला का पति मजूदरी करता है। वह कुछ समय पहले ही काम की तलाश में बाहर चला गया। महिला अपने जेठ-जेठानी और सास के साथ रहती है। महिला का आरोप है कि पति जो पैसे भेजते हैं। ससुराल वाले छीन लेते हैं और मारपीट करते हैं। हालांकि पुलिस की ओर से महिला को खरीदे जाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

अलवर घटना के 21 दिन बाद भी आरोपियों को सजा नहीं

हाल ही में राजस्थान के अलवर में गैंगरेप का मामला सामने आया था। इतना ही नहीं आरोपियों ने इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। अलवर सिटी के एसपी राजीव पचर को हटा दिया गया था। थानागाजी के एसएचओ और 4 पुलिसवालों को भी सस्पेंड किया गया था। लेकिन अपराधियों को अभी तक कोई सजा नहीं दी गयी है। एक बात समझ में नहीं आती जब अपराधियों ने अपराध क़बूल कर लिया। पीड़ितों ने अपराधियों की पहचान भी कर ली। घटना के वीडियो के रूप में पुलिस को सबूत भी मिल गए। फिर पुलिस जांच किस बात की कर रही है। अपराधियों को सजा क्यों नहीं दी जा रही है।

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जिन गहलोत पायलट की सरकार है वो पहले क्या कहते थे

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